Raksha Bandhan: राखी का पर्व बहन और भाई के प्रेम और आपसी संबंध को मनाने के लिए होता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे उनके बीच में एक विशेष रिश्ता बनता है। राखी एक पर्याप्तता की प्रतीक होती है जो बहन द्वारा भाई के हित में बंधाई जाती है और भाई वादान करता है कि वह हमेशा अपनी बहन की सुरक्षा और सहायता करेगा। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे “रक्षा बंधन पूर्णिमा” भी कहते हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उन्हें खुशियों की शुभकामनाएँ देती हैं। पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा की तिथि 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी और इस दौरान भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस कारण 31 अगस्त को सुबह-सुबह राखी बांधना शुभ होगा। इसमें आप अपनी सुविधा अनुसार चयन कर सकते हैं 30 कि रात को राखी बांधनी है या 31 को सुबह..

रक्षाबंधन (Rakshabandhan) शुभ मुहूर्त:

श्रावण पूर्णिमा तिथि: पूर्णता तिथि 30 अगस्त, बुधवार को सुबह 10:49 पर शुरू होगी और अगले दिन 31 अगस्त गुरुवार को सुबह 07:06 पर समाप्त होगी। राखी का पर्व भारत में हिन्दू धर्म के अनुयायियों के बीच मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो कि हिन्दू पंचांग के अनुसार जुलाई या अगस्त महीने में पड़ता है।

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राखी के दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और उनके चेहरे पर मिठास डालती है। भाई उसे उपहार देते हैं और वादान करते हैं कि वे हमेशा उनकी सहायता करेंगे और उनके साथ खुशियों और दुखों की साझा करेंगे।

इस त्योहार का महत्व यह नहीं केवल बहन और भाई के बीच रिश्ते में है, बल्कि यह समाज में परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के बीच सद्भावना और प्यार को भी दर्शाता है। इसके अलावा, यह एक अवसर होता है जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिता सकते हैं और आपसी बंधनों को मजबूत कर सकते हैं। राखी का पर्व भारत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है और यह बहन और भाई के प्यार के एक अद्वितीय रूप को दर्शाता है।

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