75 नैनो सैटेलाइट मिशन के तहत अहम समझौते पर हस्ताक्षर

दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात के लिए सहायता प्रदान करेगा यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन

अहमदाबाद: इन-स्पेस और आईटीसीए द्वारा बनाए गए, प्राइम मिनिस्टर ड्रीम प्रोजेक्ट छात्रों के लिए 75 नैनो सैटेलाइट के लिए एक अहम समझौते पर आज हस्ताक्षर किए गए। दिल्ली स्थित यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के मेंटर संजय शेरपुरिया ने आज अहमदाबाद में यह जानकारी देते हुए कहा कि फाउंडेशन दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात के लिए इस नैनो सैटेलाइट को स्थापित करने में मदद करेगा और साथ ही फाउंडेशन खुद, ऐसा ही एक उपग्रह निर्माण करेगा।

इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, विशेष रूप से उपस्थित थे। अमित शाह ने कहा कि आज हम प्रधानमंत्री के सपने को साकार होते देख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में कई निजी क्षेत्र भी इस प्रकार की अंतरिक्ष गतिविधि में भाग ले रहे हैं, जो देश के लिए उपलब्धि की बात है। उन्होंने इस परियोजना के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया।

भारतीय प्रौद्योगिकी कांग्रेस एसोसिएशन (ITCA), टेक्नोक्रेट्स का एक बंगलौर स्थित पेशेवर निकाय, शैक्षणिक, उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच तालमेल बनाने पर, ध्यान केंद्रित करता है। ITCA ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए, एक महत्वाकांक्षी “75 छात्रों का उपग्रह मिशन” शुरू किया है। उनका मुख्य उद्देश्य अभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष तकनीक संस्थानों के सहयोग से 75 छात्र-निर्मित उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करना है। ITCA, इस मिशन का दृष्टिकोण देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और शिक्षकों द्वारा, विज्ञान आधारित दृष्टिकोण और अनुभव-आधारित शिक्षा पर जोर देना है। इस अनूठी पहल के तहत, 28 फरवरी को ISRO के PSLV C51 द्वारा 3 उपग्रहों (UNITY-Sat) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। इस मिशन की विशिष्टता यह है कि, छात्र अपने स्वयं के उपग्रह बना सकते हैं, और सपोर्टसे लॉन्च कर सकते हैं।

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यह याद किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र जनरल में विश्व नेताओं को अपने संबोधन के दौरान भारत में आकार ले रहे “75 छात्र उपग्रह मिशन” का उल्लेख किया था। आईटीसीए के अध्यक्ष और 75 छात्र उपग्रह मिशन के अध्यक्ष डॉ. एलवी मुरलीकृष्ण रेड्डी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा कि आईटीसीए अंतरिक्ष कार्यक्रमों के पोषण और अकादमिक माध्यम से भविष्य की तैयारी में सबसे आगे रहा है।

इस ऐतिहासिक मिशन के लिए आईटीसीए की ओर से डॉ. के. गोपालकृष्णन, महासचिव ने इन-स्पेस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें मार्गदर्शन, तकनीकी सुविधाओं तक पहुंच, लॉन्च सुविधा, अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए प्राधिकरण और नियामक अनुपालन सहित कई गतिविधियों पर जोर दिया गया। संजय शेरपुरिया ने देश में इस तरह की परियोजना स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ सरकार का नहीं जनभागीदारी का भी है। इसलिए देश के सभी लोगों को इस तरह की गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए।

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