Nuh Violence: हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार से शुरू हुई हिंसा (Nuh Violence) बढ़ती चली गई, वहीं इस मामले में हरियाणा पुलिस (haryana police) का सख्त एक्शन जारी है। हिंसा (Nuh Violence) में अब तक 44 एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें 22 एफआईआर अकेले नूंह जिले में हुई है। संदिग्धों से पुलिस की पूछताछ जारी है, वहीं 116 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हिंसा को लेकर पुलिस की जांच लगातार जारी है। इस बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शोभा यात्रा के आयोजकों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दुष्यंत चौटाला के मुताबिक आयोजकों ने स्थानीय प्रशासन को भीड़ को लेकर सही जानकारी नहीं दी थी, जिसकी चलते हालात बिगड़े थे। बता दें कि नूंह जिले के मेवात में हुई हिंसा (Nuh Violence) पूरी सुनियोजित थी, इस बात की आशंका खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जता चुके हैं।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि उपद्रवी किसी भी पार्टी या किसी भी समुदाय से क्यों न हों बख्शे नहीं जाएंगे। हिंसा ग्रस्त क्षेत्र में स्थिति अब सामान्य है। केंद्र से अतिरिक्त सुरक्षा बल पहुंच चुका है। हिंसा को लेकर हमारे पास काफी इनपुट्स आए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रा के आयोजकों ने भीड़ जुटने को लेकर सही जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं दिया था।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों से अमन-शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होगा और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। नूंह के एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कुल 44 FIR हुई है, जिसमें केवल 22 नूंह जिले में हुई है। 116 को गिरफ्तार किया जा चुका है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मनोहरलाल खट्टर ने नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को साजिश करार दिया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। सीएम खट्टर ने कहा कि इस हिंसा में जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें उनके किए की सजा मिलेगी। गौरतलब है कि शोभा यात्रा में गौ रक्षक दल के मोनू मानेसर के शामिल होने की आंशका थी। मोनू मानेसर के आने की सूचना पर मुस्लिम समुदाय के लोग बदला लेने के लिए इस हिंसा को अंजाम दिया।

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मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सुनियोजित तरीके से शोभा यात्रा को घेरकर पथराव व फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दो होमगार्ड समेत 5 लोगों के मारे जाने की खबर है। उपद्रवी इतने हैवान बन चुके थे कि एम्बुलेंस को भी आग के हवाले कर दिया। हिंसा में घायल लोग जिस अस्पताल में भर्ती थे, उस पर भी हमला बोल दिया। अस्पताल में तोड़फोड़ की, जिससे मरीजों को जान बचाकर भागना पड़ा।

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