Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा (violence) की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। तीन महीने से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मणिपुर में हिंसा (violence) जारी है। मणिपुर में जातीय हिंसा इतनी बर्बर है कि लोग जहां एक-दूसरे की निर्ममता से हत्या कर रहे हैं, वहीं महिलाओं के सामूहिक दुष्कर्म किए जा रहे हैं। बीते दिनों महिलाओं को नग्न कराकर जहां परेड कराई गई थी, वहीं अब एक और महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का दावा किया जा रहा है। इस घटना के विरोध में लोगों में काफी आक्रोश है। घटना चुराचांदपुर जिले का बताया जा रहा है। बता दें कि हिंसा (violence) के बाद से मणिपुर में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था, उसके बाद भी इस तरह की घटनाओं के वीडियो आने से समझा जा सकता है कि मणिपुर में क्या हो रहा है।

चुराचांदपुर जिले में 37 वर्षीय एक महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के विरोध में हजारों संख्या में महिलाओं ने मणिपुर के पांच घाटी जिलों में धरना दिया। धरने का आयोजन मैतेई के एक समूह मीरा पैबिस सग की तरफ से किया गया था। धरना-प्रदर्शन इंफाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में किया गया। बता दें कि पीड़िता ने 9 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि वह उस भीड़ से भाग रही थी, तभी कुछ लोगों ने उसे घेर लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। महिला का आरोप है कि यह वही भीड़ थी, जिसने उसका घर जला दिया था।

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पीड़िता ने एफआईआर में दर्ज बयान में बताया है कि उसने अपनी और अपने परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार के डर से इस घटना का खुलासा पहले नहीं किया। ज्ञात हो को शुक्रवार को हुए इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान मीरा पैबी के अध्यक्ष लोंगजाम मेमचौबी ने किया था। लोंगजम बीना देवी ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा, हम चुराचांदपुर में 3 मई को महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की कड़ी निंदा करते हैं। वहीं मीरा पैबी ने आरोप लगाया कि म्यांमार के सशस्त्र आतंकवादियों ने पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ अकथनीय अपराध किए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। राज्य में मैतेई समुदाय के लोग आदिवासी का दर्जा की मांग कर रहे थे। इसी को लेकर कुकी और मैतई समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जो अभी तक चल रही है।

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