रविंद्र प्रसाद मिश्र

Mainpuri By-Election: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी, खतौली और रामपुर सीट पर उप चुनाव (Mainpuri By-Election) हो रहे हैं। इन सबके बीच मैनपुरी का लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri By-Election) बेहद रोचक हो गया है। यहां अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सामने जहां गढ़ बचाने की चुनौती है, वहीं के बीजेपी के सामने भगवा लहराने की। सपा के गढ़ आजमगढ़ में कमल खिलाने के बाद बीजेपी की नजर मैनपुरी पर है। मैनपुरी (Mainpuri By-Election) जीतने के लिए बीजेपी जहां पूरा जोर लगा रही है, वहीं गढ़ बचाने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) के साथ मैदान में हैं। सपा ने मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव (Mainpuri By-Election) के लिए जहां अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल (Dimple Yadav) को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं बीजेपी ने कभी सपाई रहे रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को मैदान में उतारा है।

मोदी लहर में कायम रहा सपा का कब्जा

गौरतलब है कि मैनपुरी सीट (Mainpuri By-Election) पर यादव और शाक्य समाज का अच्छा वर्चस्व है। इस सीट को सपा का सबसे मजबूत गढ़ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वर्ष 2014 में मोदी नाम की चली सुनामी में मैनपुरी में साइकिल की चाल में कोई परिवर्तन नहीं आया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के सामने प्रत्याशी तो उतारा, लेकिन पार्टी का कोई बड़ा नेता प्रचार करने नहीं आया। माना जा रहा था कि यह मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) का आखिरी चुनाव है। मुलायम सिंह यादव की जहां बंपर वोटों से जीत हुई, वहीं बीजेपी का वोट प्रतिशत भी काफी बढ़ा। कुल मिलाकार बीजेपी मैनपुरी हारकर भी सफल रही।

Mainpuri by-election

डिंपल (Dimple Yadav) बनाम रघुराज (Raghuraj Singh Shakya)

मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद अब हालात काफी बदल गए हैं। इस बार यहां एक तरफ जहां मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की पुत्र वधु डिंपल यादव (Dimple Yadav) मैदान में हैं तो दूसरी तरफ उनके शिष्य रहे रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya)। चुनाव में दोनों लोग नेताजी के नाम पर जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) का शिष्य माना जाता है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा था कि रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को अगर शिवपाल यादव का समर्थन मिलता तो डिंपल के सामने सपा का गढ़ बचने की चुनौती काफी बढ़ जाती।

अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने कुशल राजनीतिज्ञ का दिया परिचय

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कुशल राजनीतिज्ञ का परिचय देते हुए चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को स्टार प्रचारक बनाकर बीजेपी के दांव पर पानी फेर दिया है। वहीं शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) ने भी साफ कर दिया है कि वह पुत्रवधु के साथ हैं। उधर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पत्नी डिंपल के साथ मैनपुरी के घर-घर जाकर जनता से सहानुभूति मांग रहे हैं। सपा से नाराज चल रहे लोगों में नेताजी के निधन के चलते एकबार फिर पार्टी के प्रति हमदर्दी दिखाई दे रही है। ऐसे में मैनपुरी उप चुनाव (Mainpuri By-Election) में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव की जीत स्पष्ट दिखाई दे रही है।

गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri By-Election) पर समय से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का कब्जा रहा है। करीब 17 वर्षों से यहां सपा काबिज है। वर्ष 2014 की मोदी लहर में जहां सारे जातीय समीकरण ध्वस्त हो गए थे, वहीं मैनपुरी सीट (Mainpuri By-Election) पर बीजेपी हवा हो गई थी। 2019 के चुनाव में मैनपुरी सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) इस सीट से चुनाव लड़ा, बीजेपी ने उनके खिलाफ प्रत्याशी तो उतारा, लेकिन यह उनका आखिरी चुनाव माना जा रहा था, इसलिए बीजेपी के किसी बड़े नेता ने यहां प्रचार नहीं किया।

1996 से सपा का है कब्जा

गौरतलब है कि मैनपुरी सीट (Mainpuri by-election) पर यादव परिवार का कई दशकों से कब्जा रहा है। यही वजह थी कि इस सीट को लेकर चर्चांए भी तेज थी कि मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा? मैनपुरी की सीट पर वर्ष 1996 से सपा का कब्जा है। यहां से पांच बार मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और दो बार बलराम सिंह यादव चुनाव जीत चुके हैं। वहीं इस बार उप चुनाव जीतना सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इसी को ध्यान में रख कर राजनीतिक समीकरण साधने में जुटे हैं।

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कौन हैं रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya)

बता दें कि इटावा निवासी रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) सपा में रहते हुए वर्ष 1999 और 2004 में इटावा से सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भी सपा की टिकट पर इटावा सदर सीट से विधायक चुने गए। मैनपुरी में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी घोषित करने से पहले ही रघुराज सिंह शाक्य के नाम पर चर्चा शुरू हो गई थी। क्योंकि सपा के गढ़ में रघुराज सिंह शाक्य को मजबूत प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा था। क्योंकि यहां यादव के बाद जहां शाक्य वोटर अधिक हैं, वहीं रघुराज सिंह शाक्य की पिछड़ों में अच्छी पैठ है। ऐसे में रघुराज सिंह शाक्य के इस सीट से आने से मुकाबला काफी रोचक हो गया है।

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