नई दिल्ली: भारतीय जन संचार संस्थान के उर्दू पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों द्वारा प्रकाशित लैब जर्नल ‘दौर-ए-जदीद’ का विमोचन मंगलवार को संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने किया। इस दौरान उर्दू पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे।

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता का खास योगदान रहा है। इसमें उर्दू पत्रकारिता अग्रणी रही है। लाला लाजपत राय जैसे हिंद समाचार के संस्थापक और क्रांतिकारियों ने इसे एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उर्दू मीडिया ने भी काफी तरक्की की है। नई प्रौद्योगिकी को अपनाने के बाद उर्दू के अखबारों को काफी ताकत मिली है। आज उर्दू मीडिया की एक वैश्विक पहचान बन रही है।

Daur-e-Jadeed

उर्दू पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने बताया कि इस लैब जर्नल के माध्यम से विद्यार्थी रिपोर्टिंग, एडिटिंग और लेआउट की प्रक्रिया को समझने का प्रयास करते हैं। आईआईएमसी का उद्देश्य किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण देना भी है। संस्थान के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों द्वारा इस तरह के लैब जर्नल्स का निरंतर प्रकाशन किया जाता है।

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विमोचन समारोह में उर्दू पत्रकारिता विभाग के ऐकेडमिक एसोसिएट डॉ. अफसर अली, लैब जर्नल की संपादकीय टीम के सदस्य सरवर अली, आमना फारुक़, मोहम्मद समीर एवं मुनीर-उल-इस्लाम भी उपस्थित थे।

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