Birthday Special: असाधारण, कुशल और प्रभावी व्यक्तित्व ‘संजय द्विवेदी’

Birthday Special: प्रो. संजय द्विवेदी का आज जन्मदिन है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी, माँ सरस्वती के उपासक, मीडिया-शिक्षण को अपनी पुस्तकों और शोध पत्रों के माध्यम से नई दिशा के…

साहित्य लोकमंगल का वाहक: प्रो. संजय द्विवेदी

इंदौर: लोकमंगल का वाहक बनकर उभरा है साहित्य। आज का समय विचारों की घर वापसी का समय है। विचारों की यह घर वापसी भारतीयता की ओर वापसी है। हम पश्चिम…

मीडिया को क्या देकर जा रहा है वर्ष- 2023, AI और ChatGPT से बदल जाएगी संचार की दुनिया

मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह सच बताए। वास्तव में मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति, चाहे वह पत्रकार हों अथवा समाचार पत्रों व संचार के अन्य माध्यमों के मालिक…

वेब मीडिया से संभव हुई जनसंचार क्रांति: प्रो. संजय द्विवेदी

पटना/बिहार: भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कहना है वेब और सोशल मीडिया ने दुनिया में जनसंचार क्रांति को जन्म दिया है और परंपरागत…

भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए आगे आए ब्राम्हण समाजः प्रो. द्विवेदी

Kanpur News: भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कहना है कि देश को विश्वगुरु बनाने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा की पुनर्स्थापना आवश्यक है। इस…

विकास के पश्चिमी माडल से उपजा पर्यावरण संकट: प्रो. संजय द्विवेदी

Lucknow News: भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC ) के पूर्व महानिदेशक प्रो. (डा.) संजय द्विवेदी का कहना है कि भारतीय समाज प्रकृति पूजक और पर्यावरण का संरक्षण करने वाला समाज…

2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति बोलेगा हिंदी: प्रो. द्विवेदी

कोलकाता/भोपाल: “पिछले कुछ वर्षों में हिंदी और भारतीय भाषाओं को बहुत बढ़ावा मिला है। लोगों में भाषा को लेकर हीनता का भाव खत्म हो रहा है। आज भारत सरकार के…

Pt. Deendayal Upadhyay Special: भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता

Pt. Deendayal Upadhyay Special: वे सही मायनों में भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता थे। भारतीय राजनीति में उनके आगमन ने एक नया विमर्श खड़ा कर दिया और वैकल्पिक राजनीति को मजबूत…

भारत में मातृभाषाओं का संकट: चुनौतियां और समाधान

भाषा का संबंध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से है। भारतीय भाषाओं में अंतर-संवाद की परंपरा बहुत पुरानी है और ऐसा सैकड़ों वर्षों से होता आ रहा है। यह उस दौर…

अतुल्य नेतृत्व में विकास के पथ पर भारत

किसी भी राष्ट्र की सुख-समृद्धि का पता इस बात से चलता है कि वहां की प्रजा कितनी सुखी है और आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से कितनी विकसित हुई है।…

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