Health: वर्तमान समय में मानसिक बीमारी बढ़ती ही जा रही है। यह अक्सर सुना जाता है कि फलां की मानसिकत स्थिति ठीक नहीं है। फलां ने मानसिक बीमारी के चलते खौफनाक कदम उठा लिया। वास्तव में देखा जाए तो मानसिक बीमारी कोई बीमारी है ही नहीं। यह केवल हमारी जीवनशैली और आदतों पर निर्भर करता है। हम जैसा सोचेंगे, जैसा व्यवहार करेंगे वैसी ही हमारी मानसिक स्थिति भी रहेगी। जब दवाएं नहीं थीं तक मानसिक रोगी भी नहीं थे। सच यह भी है कि मानसिक रोगी बढ़े तो इसकी दवाएं भी बढ़ गईं। लेकिन सच यही है कि इसे हम अपनी आदतों में सुधार लाकर ठीक भी कर सकते हैं। इसके लिए हमें पहले यह जानना होगा कि वह कौन सी गलत आदत है, जिसकी वजह से हम मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं।

मानसिक रोग की सबसे बड़ी वजह हमारी कुंठा है। दूसरे के प्रति ईर्ष्या इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह​ है। यह बात हो सकती है आपको अटपटा लगे, लेकिन मौजूदा समय में लोगों में ईर्ष्या की भावना काफी बढ़ गई है। और यही है कि लोगों के बीच दूरी लगातार बढ़ती जा रही है। आज वह समाज नहीं रह गया जो दूसरों के दुख में न सिर्फ दुखी होता था, बल्कि उसकी पूरी मदद भी करता था। अब लोगों को घर के सदस्यों के कष्ट का भी आभास नहीं होता।

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मानसिक बीमारी हमारी सोच पर भी निर्भर करता है। हम जैसा सोचते हैं हमारा दिमाग उसी तरह काम करता है। आज हम सभी देखते हैं छोटा बच्चा भी काफी शातिर निकल जाता है। बच्चों की हरकते देखकर बड़े हैरान रह जाते है। लेकिन सच यही है कि उसकी परवरिश उसी माहौल में हो रहा है। छोटे छोटे बच्चों को मिट्टी में खेलने नहीं दिया जाता। बोलना सीख रहे होते हैं तो उनके हाथ में वीडियो गेम आदि थमा दिए जाते हैं। नतीजा बच्चे शरीरिक रूप से कमजोर और दिमागी रूप से काफी मजबूत दिख रहे हैं।

जिस उम्र में बच्चे दादा दादी व परिवार के अन्य सदस्यों से धार्मिक कहानियां सुनते थे उस उम्र में वह टीवी व फिल्मों में रेप और हत्या के सीन देख रहे हैं। इन सब चीजों से न सिर्फ बच्चों का चित बिगड़ रहा है, बल्कि बड़ों की मन स्थिति बिगड़ रही है। इस तरह के कई पहलू है जो हमें मानसिक बीमारी की तरफ धकेल रहे हैं। ऐसे में इन सबसे बचते हुए हम अपने को स्वस्थ्य रख सकते हैं।

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