Health News: स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। (the health news) गर्भ में पल रहे शिशु का विकास उसके पौष्टिक आहार पर ही निर्भर करता है। (the health news) इसीलिए गर्भावस्था के दौरान महिला को संतुलित आहार लेना चाहिए। (health tips in hindi) आहार में सही मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, पानी, विटामिंस, आयोडीन, जिंक मौजूद हो (the health news)। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शैव्या ने बताया कि नौ माह के दौरान स्वस्थ शिशु के लिए संपूर्ण और संतुलित आहार लेने की आवश्यकता होती है। (the health news) गर्भवती को हर चार घंटे में कुछ खाने की कोशिश करनी चाहिए (health tips in hindi)।

प्रोटीन गर्भवती को आहार में प्रतिदिन 60 से 70 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए। (health tips in hindi) गर्भाशय, स्तनों तथा गर्भ के विकास और वृद्धि के लिए प्रोटीन अहम तत्व है। अंतिम छह महीनों के दौरान करीब एक किलोग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। (health tips in hindi) प्रोटीनयुक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, मूंगफली, पनीर, चीज़, काजू, बदाम, दलहन, मांस, मछली, अंडे आदि का समावेश होता है।

कैल्शियम

गर्भवती को आहार मे प्रतिदिन 1500-1600 मिलीग्राम कैल्शियम मिलना चाहिए। गर्भवती और गर्भस्थ शिशु की स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए इस तत्व की आवश्यकता रहती है। कैल्शियम युक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, दलहन, मक्खन, चीज़, मेथी, बीट, अंजीर, अंगूर, तरबूज, तिल, उड़द, बाजऱा, मांस आदि का समावेश होता है।

फोलिक एसिड

पहली तिमाही वाली गर्भवती को प्रतिदिन चार एमजी फोलिक एसिड लेने की आवश्यकता होती है। दूसरी और तीसरी तिमाही में छह एमजी फोलिक एसिड लेने की आवश्यकता होती है। पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड लेने से जन्मदोष और गर्भपात होने का खतरा कम हो जाता है। इस तत्व के सेवन से उल्टी नहीं होती है। दाल, राजमा, पालक, मटर, मक्का, हरी सरसों, भिंडी, सोयाबीन, काबुली चना, स्ट्रॉबेरी, केला, अनानस, संतरा, दलिया, साबुत अनाज का आटा, आटे की ब्रेड आदि का समावेश होता है।

पानी

गर्भवती हो या कोई भी व्यक्ति, पानी हमारे शरीर के लिए बहुत अहम है। गर्भवती को शरीर की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिदिन कम से कम तीन लीटर (10 से 12 ग्लास) पानी जरूर पीना चाहिए। गर्मी के मौसम में दो ग्लास अतिरिक्त पानी पीना चाहिए।

विटामिन

गर्भावस्था के दौरान विटामिन की जरूरत बढ़ जाती है। आहार ऐसा होना चाहिए जो अधिकाधिक मात्रा में कैलोरी तथा उचित मात्रा में प्रोटीन के साथ विटामिन की जरूरत की पूर्ति कर सके। हरी सब्जियां, दलहन, दूध आदि से विटामिन उपलब्ध हो जाते हैं।

आयोडीन

आयोडीन आपके शिशु के दिमाग के विकास के लिए आवश्यक है। इस तत्व की कमी से बच्चे में मानसिक रोग, वजन बढ़ना और महिलाओं में गर्भपात जैसी अन्य खामियां उत्पन्न होती हैं। गर्भवती के लिए प्रतिदिन 200-220 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। गर्भवती को डॉक्टर की सलाह के अनुसार थाइराइड प्रोफाइल जांच कराना चाहिए। आयोडीन के प्राकृतिक स्रोत हैं अनाज, दालें, ढूध, अंड़े, मांस।

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जिंक

गर्भवती के लिए प्रतिदिन 15 से 20 मिलीग्राम जिंक की आवश्यकता होती है। इस तत्व की कमी से भूख नहीं लगती। शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। त्वचा रोग हो जाते हैं। पर्याप्त मात्रा में शरीर को जिंक की पूर्ति करने के लिए हरी सब्जियां और मल्टी-विटामिन सप्लिमेंट ले सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

गर्भवती का वजन 10 से 12 किलो बढ़ना चाहिए। उपवास नहीं करना चाहिए। मीठा खाने की इच्छा हो तो अंजीर और किशमिश खाना चाहिए। प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन लेने पर गर्भपात और कम वजन वाले शिशु के जन्म लेने का खतरा होता है। दिन में दो बार घर के बनी सब्जियों का सूप और जूस लेना चाहिए। भोजन के दौरान इनका सेवन करें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन और आयरन की गोलियां नियमित समय पर लेना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक, हार्ड ड्रिंक और पैक्ड और प्रिजर्वेटिव्स फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।

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