फरीदाबाद: दस हजार करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने के आरोपी एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल को पुलिस कस्टडी में इलाज के बहाने मेट्रो अस्पताल में पार्टी कराने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। अनिल जिंदल ने शहरवासियों से फ्लैट खरीदने, ज्वैलरी और अन्य प्रोजेक्ट में पैसे लगाने के बदले हजारों लोगों से रकम वसूला था, लेकिन किसी को कोई लाभ नहीं दिया। जिंदल खिलाफ विभिन्न थानों में 80-90 मुकदमे भी दर्ज हैं।

पुलिस अनिल जिंदल गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। लेकिन वह अक्सर नीमका जेल से इलाज कराने अस्तपाल आते रहते हैं। पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने ये कार्रवाई अनिल जिंदल की पुलिसकर्मियों के साथ पार्टी करते हुए एक वीडियो के वायरल होने के बाद की है। इस मामले में नीमका जेल प्रशासन को भी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। वायरल वीडियो को अस्पताल में ही कार्यरत सिक्योरिटी कर्मचारी ने बनाया था।

अनिल जिंदल पर ये है आरोप

बता दें कि एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल पर शहर के एक हजार से अधिक लेागों के पैसे विभिन्न प्रोजेक्ट के बहाने एकत्र कर लाभ न देने और 10 हजार करोड़ से अधिक की रकम हड़पने का आरोप है। इस ग्रुप के शिकार बने बल्लभगढ़ निवासी सतीश मित्तल ने बताया कि एसआरएस ग्रुप ने पूरे शहर से दस हजार करोड़ से अधिक का पैसा वसूला है। अकेले बैंकों से करीब 2400 करोड़ का लोन ले रखा है जिसे वापस नहीं किया है। इनके खिलाफ 80 से अधिक चार चार सौ बीसी के केस दर्ज हैं। पुलिस ने जिंदल को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। कई केस में कोर्ट में ट्रायल भी चल रहा है।

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इलाज के बहाने कर रहे थे शराब पार्टी

विचाराधीन कैदी व ठगी के आरोपी एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल को इलाज के लिए जेल अथॉरिटी की सूचना पर स्थानीय पुलिस द्वारा आरोपी मेट्रो हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया था। इलाज के दौरान आरोपी के रूम में खाने के सामान के साथ-साथ बीयर की कैन की एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें वह पुलिसकर्मियों के साथ पार्टी कर रहा था। ये वीडियो वहां के एक कर्मचारी ने बनाया था।

15 सितंबर को वायरल हुआ वीडियो

आरेापी अनिल जिंदल की अस्पताल में इलाज के बहाने की जा रही पार्टी का वीडियो बुधवार की शाम वायरल हुआ। उस वीडियो में आरोपी, उसके कई सहयोगी और पुलिसकर्मी बीयर पार्टी करते नजर आ रहे हैं। पुलिस कस्टडी में पार्टी का वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया।

एसीपी क्राइम ब्रांच ने की जांच

वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने तुरंत एसीपी क्राइम अनिल कुमार को जांच कर जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एसीपी क्राइम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल वीडियो की घटना 28/29 अगस्त रात की है। जिसमें आरोपी को हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया था। वहां आरोपी के रूम में पहुंचाए गए सामान की ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने जांच नहीं की। बल्कि खुद भी पार्टी का हिस्सा बनकर ड्यूटी में लापरवाही बरती।

एसीपी की रिपोर्ट पर पुलिस कमिश्नर ने ड्यूटी में लापरवाही करने तीन पुलिसकर्मी ईएसआई संजीव, ईएचसी चंद्रप्रकाश और सिपाही मुकेश को निलंबित किया दिया। साथ ही नीमका जेल अथॉरिटी एवं प्रबंधक मेट्रो हॉस्पिटल को भी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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