Delhi Flood: मानसूनी बारिश का असर पूरे देश में देखा जा रहा है। बारिश और पहाड़ों के टूटने से हिमाचल प्रदेश में जहां भारी तबाही हुई है, वहीं दिल्ली में आई बाढ़ (Delhi Flood) से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाके डूब गए हैं। हालांकि दिल्ली में बाढ़ (Delhi Flood) की आशंका पहले से व्यक्त की जा रही थी, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके चलते बाढ़ में फंसे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ में घिरे लोगों का आरोप है कि सरकार की तरफ से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व उनके खाने-पीने की चीजों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इन लोगों का कहना है कि इससे पहले भी बरसात में यहां बाढ़ जैसे हालात हो जाते थे, लेकिन सरकार की तरफ से राहत मिलने से उनको इतनी दिक्कत नहीं होती थी।

फिलहाल दिल्ली में बाढ़ (Delhi Flood) ने पिछले पांच दशक के रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसके चलते राजधानी के निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। घरों में बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होना पड़ा है। गुरुवार की सुबह 6 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208.41 मीटर पर पहुंच गया है, जो एक रिकॉर्ड है। यमुना में पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई इलाके पानी में डूब गए हैं। दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर पानी भरने की वजह से सड़क को आवाजाही के लिए बंद करनी पड़ गई है। वहीं मजनू का टीला से लेकर आईटीओ तक के रास्ते भी डूब गए हैं।

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गुरुवार सुबह तक चंगी राम अखाड़ा, मजनू का टीला, मोनेस्ट्री मार्केट, लोहा पुल, निगम बोध समेत आसपास के क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि राजधानी में करीब 16 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली आईटीओ, राजघाट की ओर जाने वाली सड़क, आउटर रिंग रोड, यमुना बाजार और लोहा पुल के पास पानी भर गया है। दिल्ली आईटीओ के करीब आईपी स्टेडियम और राजघाट की ओर जाने वाली सड़क भी जलमग्न हो गई है। इनमें यमुना बाज़ार सबसे ज्यादा प्रभावित है, अब यहां की कॉलोनियों में तेजी के साथ पानी घुस रहा है। यहां की सड़के पानी में पूरी तरह से डूब चुकी हैं। आउटर रिंग रोड पर यमुना के किनारे वाले कई घरों और मंदिरों में पानी भर चुका है।

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