लखनऊ: हमारे शिक्षक ही ‘नए भारत’ की नई पीढ़ी बनाने का कार्य कर रहे हैं, जो देश के लिए एक ताकत के रूप में उभर कर सामने आएगी। शिक्षक अपने छात्रों में आत्मबल, आदर्श, ईमानदारी, सच्चाई, लगन और मेहनत के साथ ही भारतीय मूल्यों और संस्कारों की भी मशाल जलाएं, जिससे छात्रों का समग्र विकास हो सके, जो राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने विद्या भारती अवध प्रांत, भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र में व्यक्त किए। यह प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम 20 मई, 2022 से सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेक्टर क्यू, अलीगंज, लखनऊ में चल रहा था, जिसका आज समापन हो गया है।
मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का जिक्र करते हुए कहा कि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है, लेकिन हम अपने संस्कारों, परम्पराओं और मनीषियों के विचारों को भूल गए थे, जिस कारण आज हम पीछे रह गए हैं, हालांकि अब पूरे देश में बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में गुरु को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया है। शिक्षक ही उस दीपक के समान है, जो घोर अंधकार में भी रोशनी की किरण बनता है। उन्होंने कहा कि ‘नए भारत’ की नई पीढ़ी को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है, जो देश की ताकत बन सके।
उन्होंने कहा कि हम आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं, लेकिन आज शिक्षकों को यह सोचकर बच्चों को गढ़ने की जरूरत है कि आजादी के शताब्दी वर्ष (2047) में हमारा देश कैसा होगा, उसके अनुसार उसे तैयार करना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सक्षम, स्वाभिमानी बनाएं, उनके अंदर उत्सुकता जगाएं और समावेशी मूल्यों को सिखाएं, ताकि वह राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सके और दुनिया में शक्ति बनकर उभरे। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छे अंक लाने के लिए प्रेरित करने की बजाय, अच्छा इंसान बनाने पर जोर देना चाहिए।
उन्होंने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति विद्यार्थियों को जड़ से जोड़ेगी, साथ ही साथ अपार सम्भावनाओं और अनंत रास्तों के द्वार भी खोलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समाजहित में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख भी किया और कहा कि आज हमारा देश नई ऊंचाइयों को छू रहा रहा है।
विशिष्ट अतिथि माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चे को समझिये ,प्यार करिये और फिर गतिविधियों के माध्यम से उसे सिखाइये। उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानने की जरूरत है, जो शिक्षक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास के साथ ही चरित्र निर्माण जरूरी है, ऐसी शिक्षा देने की आवश्यकता है।
इसे भी पढ़ें: अभियान के माध्यम से भरवाया जाएगा संकल्प पत्र
विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह ने बताया कि 20 से 29 मई 2022 तक के इस शिविर में 13 जिलों के 80 आचार्य, 10 प्रधानाचार्य, 15 अधिकारी तथा व्यवस्था के 20 आचार्य सहित विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विधाओं के प्रशिक्षकों ने सत्र लिए। शारीरिक, मानसिक, वैचारिक व आध्यात्मिक सत्रों के द्वारा पूर्ण प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जा गया है।
इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका सृष्टि संवाद भारती के नवीन अंक का भी विमोचन किया गया। विद्या भारती अवध प्रांत के प्रदेश निरीक्षक राजेन्द्र बाबू ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री हरेंद्र श्रीवास्तव ने आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक डॉ. शैलेश मिश्र, कोषाध्यक्ष सचिन गुप्ता, आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक रजनीश पाठक, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह, क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, शैक्षिक प्रमुख शिवाजी राव, अवनीश, सुरेश सहित व्यस्था में लगे हुए आचार्य एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
इसे भी पढ़ें: संग्रहण करने की आदत ही अशांति का कारण