Up Politics News: सच ही कहा गया है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। (Up Politics News) यहां कब कौन किसका सबसे बड़ा हितैषी बन बैठे और कौन कब किसके पैर के नीचे से जमीन खिसका दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। बदजुबान और बड़बोलापन से अपनी पहचान बनाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (OmPrakash Rajbhar) को यह बातें अब समझ में आने लगी होंगी। (Up Politics News) यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ हाथ मिलाकर ताल ठोकने वाले ओमप्रकाश (OmPrakash Rajbhar) को लग रहा था कि योगी सरकार के खिलाफ जहर उगलने से बीजेपी विरोधियों का वह मसीहा बन जाएंगे।

(Up Politics News) वह यह भूल बैठे थे कि जिनके साथ मिलकर वह बीजेपी पर हमला बोल रहे थे, वह इस मौके को भूनाने में उनसे कई कदम आगे थे। नतीजा, चुनाव परिणाम आते ही ओमप्रकाश राजभर (OmPrakash Rajbhar) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच खटास बढ़ने लगी और अब सपा और सुहेदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) का गठबंधन टूट चुका है।

ओमप्रकाश राजभर (OmPrakash Rajbhar) पर गंभीर आरोप

समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद अब ओमप्रकाश राजभर (OmPrakash Rajbhar) की पार्टी बिखरती हुई नजर आ रही है। पार्टी के दिग्गज नेता एक के बाद एक करके बाहर जा रहे हैं। ये वे नेता हैं, जिन्हें कभी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) की नींव की ईंट माना जाता था। ये नेता ने सिर्फ ओमप्रकाश राजभर की पार्टी छोड़ रहे हैं, बल्कि उन पर गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं। (Up Politics News) इन नेताओं के बाहर जाने से ओमप्रकाश राजभर की नींव अब अपने ही क्षेत्र में दरकती नजर आ रही है।

मुख्तार अंसारी के इशारे पर नाचने का आरोप

मुख्तार अंसारी और ओमप्रकाश राजभर के बीच दोस्ती जगजाहिर है। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर जेल में जाकर मुख्तार अंसारी से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं चर्चा थी कि उन्होंने मुख्तार अंसारी के कहने पर चुनाव में पार्टी के टिकट बांटे थे। ओमप्रकाश राजभर ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को अपनी पार्टी से टिकट देकर चुनाव लड़ाया। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संघर्ष के दिनों में ओमप्रकाश राजभर को कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाले और उनके सबसे पुराने साथी शशिप्रताप सिंह ने उनका साथ छोड़ दिया है।

राजभर (OmPrakash Rajbhar) को पुराने साथी देंगे टक्कर

शशिप्रताप सिंह के बाद ओमप्रकाश राजभर के एक के बाद एक पुराने साथी उनसे किनारा कसते नजर आ रहे हैं। शशिप्रताप सिंह और अब मऊ में पुराने साथियों ने ओमप्रकाश का साथ छोड़ दिया है। ओमप्रकाश राजभर के ये पुराने साथी वाराणसी और आजमगढ़ मंडल में उनकी राजनीतिक जमीन पर अब उन्हें ही टक्कर दे सकते हैं। शशिप्रताप सिंह का आरोप है कि ओमप्रकाश राजभर मुख्तार अंसारी से अपनी दोस्ती निभा रहे हैं। पार्टी में अब सारे फैसले मुख्तार अंसारी के कहने पर लिए जा रहे हैं।

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शशिप्रताप को लेकर अखिलेश ने चली चाल

हालांकि शशिप्रताप सिंह अब अपनी नई पार्टी “राष्ट्रीय समता पार्टी” बना चुके हैं और वह लगातार ओमप्रकाश राजभर पर तीखे हमले कर रहे हैं। आलम यह है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शशिप्रताप सिंह को बुलाकार साथ चलने का आफर दिया है। वहीं शशिप्रताप सिंह भी सपा से हाथ मिलाने के संकेत दे रहे हैं। उधर सुभासपा के अन्य पुराने साथियों में गोलबंदी तेज हो गई है। मऊ, वाराणसी व आसपास के जिलों ओमप्रकाश राजभर के पुराने साथी शशिप्रताप सिंह के खेमे में शामिल होते नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव से हाथ मिलाकर अपने नेताओं की जो उपेक्षा की उसका खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है। अखिलेश यादव ने मनमाने तरीके से सीटों को बंटवारा किया और अपने लोगों को मैदान में उतारा था, जिसके चलते सुभासपा के कई दिग्गज नेता हाशिए पर चले गए थे।

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