UP News: केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद शिक्षा और मेडिकल के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव के साथ तेजी से विकास हुए हैं। नया साल 2023 शुरू हो गया है। विकास के पैमाने पर अगर देखा जाए तो बीजेपी सरकार ने शानदार काम किया है। वर्ष 2023 के अंत तक प्रदेश में 14 नए मेडिकल कॉलेज बढ़ जाएंगे। इससे एमबीबीएस की 14 सौ सीटें भी बढ़ने की उम्मीद है। इतना ही नहीं पीपीपी मॉडल पर शुरू होने वाले 16 मेडिकल कॉलेजों के काम पर भी जोर दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार की कोशिश है कि इसमें आधे से अधिक को अगले सत्र में चालू कर दिया जाए।

सूत्रों की मानें तो चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही इसके विस्तारीकरण की दिशा में लगातार कार्य हो रहे हैं। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ 1840 एमबीबीएस की सीटें थीं। लेकिन मेडिकल कॉलेज बढ़ने से अब ये सीटें 3828 हो गई हैं। मतलब बीते साढ़े चार वर्षों में एमबीबीएस की 1988 सीटें बढ़ी हैं। इतना ही नहीं निजी मेडिकल कॉलेजों में भी एमबीबीएस की सीटें 2550 से बढ़कर 4150 हो गई हैं। आंकड़ों के मुताबिक निजी मेडिकल कॉलेजों में 1600 सीटें बढ़ी हैं।

यूपी में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2017 तक पीजी की सीटें 741 थीं और जो अब 1027 हो गई हैं। इसमें भी 286 सीटों का इजाफा हुआ है। वर्ष 2017 से पहले निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 603 सीटें थीं, जो अब 1064 हो गई हैं। इसमें भी 461 सीटें बढ़ी हैं। इसी क्रम में डीएम और एमसीएच में पहले 120 सीटें थीं, जो 57 सीट बढ़ने के साथ अब 177 सीटें हो गई हैं। इसी के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में तीन हजार बेड भी बढ़े हैं।

मेडिकल कॉलेजों में लगातार हो रही वृद्धि

गौरतलब है कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में वर्ष 2017 के पहले तक मात्र 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज, संस्थान और विवि थे। लेकिन बीते साढ़े चार वर्षों में 16 और क्रियाशील हो गए हैं। इसी क्रम में 25 अक्टूबर, 2021 को देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर में क्रियाशील किए गए हैं। वहीं अमेठी, औरैया, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, गोंडा, कानपुर देहात, कौशांबी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और सुल्तानपुर में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य तकरीबन पूरे होने के करीब हैं। सूत्रों की मानें तो इन कॉलेजों में अगले शैक्षिक सत्र शुरू करने की तैयारी है।

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ज्ञात हो कि 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं। शासन से अब तक छह मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिल गई है। जबकि, संभल, महराजगंज के लिए एमओयू हो चुका है। जानकारी के मुताबिक अन्य छह जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए 42 कंपनियों ने प्रस्ताव दिया है, जिस पर विचार-विमर्श चल रहा है। इस प्रकार प्रदेश के आठ शहरों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

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