Delhi Woman Accident: बड़ी घटनाओं में अक्सर पुलिस वालों की लापरवाही सामने आ ही जाती है। असल में जिन पुलिस वालों पर अपराध को रोकने की जिम्मेदारी होती है, वही पुलिसवाले कानून के संरक्षण में सारे अपराध करते हैं। नए साल पर हुड़दंग न होने पाए इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था टाइट की गई थी। लेकिन जब ड्यूटी कर रहे पुलिस वाले ही शराब के नशे में रहेंगे तो हुड़दंगी उत्पात मचाएंगे ही। दिल्ली में लड़की की कार से घसीटकर हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की इसी तरह लापरवाही सामने आ रही है। घटना के चश्मदीद ने जो खुलासे किए हैं उससे दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

गौरतलब है कि बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में 31 दिसंबर की रात को कार सवार पांच युवकों ने 20 वर्षीय युवती की स्कूटी को टक्कर मार दी और उसके नग्न शव को करीब चार किलोमीटर तक कार से घसीटते ले गए। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार में सवार पांच युवको को गिरफ्तार किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, युवती की मौत के मामले में एक चश्मदीद ने दावा किया कि उसने एक पीसीआर वैन में दिल्ली पुलिस से मदद लेने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस कर्मचारी होश में नहीं थे और उन्होंने मदद करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

चश्मदीद का दावा

चश्मदीद दीपक ने दावा किया कि वह सुबह करीब सवा तीन बजे दूध की डिलीवरी लेने के लिए इंतजार कर रहा था, जब उसने कार को एक युवती को घसीटते हुए देखा। दीपक ने बताया कि कार सामान्य स्पीड से चल रही थी और चालक होश में लग रहा था। दीपक का कहना है कि उसने बेगमपुर तक बलेनो कार का पीछा किया। उसने यह भी दावा किया है कि सूचना के बावजूद भी पुलिस ने सुबह 5 बजे तक कोई कार्रवाई नहीं की।

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उधर दिल्ली पुलिस की अपनी अलग थ्योरी है। फिलहाल दिल्ली पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (तेजी से गाड़ी चलाना) और 304-ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो आरोपियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि युवती का शव उनकी कार के साथ खिंचा चला जा रहा है। बाद में जब उन्हें इसका पता चला तो वे काफी डर गए और शव को कार से हटाने के बाद भाग निकले। वहीं स्कूटी और कार को देखकर लग रहा है कि टक्कर सामने से हुई है।

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