नई दिल्ली/भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को रोजगार मेले (Rojgar Mela) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा नवनियुक्त भर्ती के 51 हजार से अधिक नियुक्ति-पत्र वितरित किए। देशभर में यह मेला 45 जगह आयोजित किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने अमृत काल के दौरान ‘अमृत रक्षक’ के रूप में चयन हेतु नवनियुक्त युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि ये अमृत रक्षक न केवल देश की सेवा करेंगे, बल्कि देश व देशवासियों की रक्षा भी करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि शासन में बदलाव लाने के मिशन में आप सभी युवा मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। भोपाल में रोजगार मेले (Rojgar Mela) का आयोजन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आतिथ्य में हुआ, जहां उन्होंने युवाओं को सरकारी नौकरी से आगे बढ़कर सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निरंतर बढ़ रहे रोजगार के अपार अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया।

मुख्य उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेखांकित किया कि इस बार रोज़गार मेले (Rojgar Mela) का आयोजन ऐसे माहौल में हो रहा है, जब देश गर्व व आत्मविश्वास से भरा हुआ है। हमारा चंद्रयान व रोवर प्रज्ञान लगातार चंद्रमा से ऐतिहासिक तस्वीरें भेज रहा हैं। उन्होंने कहा कि सेना-पुलिस सेवा में आकर, सुरक्षाबलों के साथ जुड़कर हर युवा का सपना होता है कि वो देश की रक्षा का प्रहरी बने और इसलिए आप पर बहुत बड़ा दायित्व होता है। आपकी जरूरतों के प्रति भी सरकार बहुत गंभीर है। बीते कुछ वर्षों में अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं। आवेदन से लेकर चयन तक की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए परीक्षा अब 13 स्थानीय भाषाओं में भी कराई जा रही है, जबकि पहले सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी चुनने का ही विकल्प होता था, अब मातृभाषा का मान बढ़ा है। इस बदलाव से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुल गए हैं।

Rojgar Mela

पिछले वर्ष भी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में सैकड़ों आदिवासी युवकों को नियमों में छूट देकर सुरक्षाबल में भर्ती पाने का अवसर दिया, ताकि विकास की मुख्यधारा से जुड़े रहे। इसी तरह बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट व उग्रवाद प्रभावित जिलों के युवाओं के लिए कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में कोटा बढ़ाया गया है। सरकार के प्रयासों से अर्धसैनिक बलों को लगातार मजबूती मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा का वातावरण, कानून का राज, विकास की रफ्तार को तेज कर देता है। आप उत्तर प्रदेश का उदाहरण ले सकते हैं। कभी यूपी विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे, लेकिन अब कानून का राज स्थापित होने से यूपी, विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। कभी गुंडों-माफिया की दहशत में रहने वाले उत्तर प्रदेश में आज भय मुक्त समाज की स्थापना हो रही है। कानून-व्यवस्था का ऐसा शासन लोगों में विश्वास पैदा करता है। और जब अपराध कम हुआ है, तो यूपी में निवेश भी बढ़ रहा है। इसके उलट हम ये भी देखते हैं कि जिन राज्यों में अपराध चरम पर है, वहां निवेश उतना कम हो रहा है, रोजी-रोटी के सारे काम ठप पड़ जाते हैं।

उन्होंने दोहराया कि भारत इस दशक में टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा। अर्थव्यवस्था की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र बढ़े। विस्तार के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचा विकास का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले नौ साल में केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचे पर 30 लाख करोड़ रु. से ज्यादा खर्च किए हैं, इससे कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन- आतिथ्य को बढ़ावा मिल रहा है, नई नौकरियां भी पैदा हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गत 9 वर्षों के हमारे प्रयासों से परिवर्तन का एक औऱ नया दौर दिखने लगा है। भारत द्वारा रिकॉर्ड निर्यात करना वैश्विक बाजार में, भारत में बने सामानों की बढ़ती मांग का संकेत है। परिणामस्वरूप उत्पादन बढ़ा है, रोजगार बढ़ा व परिवारों की आय भी बढ़ रही है।

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पीएम मोदी ने कहा कि वो दिन दूर नहीं, जब मोबाइल की तरह ही भारत में बने एक से बढ़कर एक लैपटॉप, टैबलेट व कंप्यूटर दुनिया में हमारी शान बढ़ाएंगे। वोकल फॉर लोकल के मंत्र पर चलते हुए सरकार मेड इन इंडिया लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे अनेक प्रॉडक्ट्स खरीदने पर जोर दे रही है। इससे मैन्युफैक्चरिंग बढ़ी है, युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके भी बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 9 साल पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री जन-धन योजना की लांचिंग को याद करते हुए कहा कि इसने गांवों-गरीबों के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ रोजगार पैदा करने में बड़ी भूमिका निभाई। योजना में 9 वर्षों में 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले हैं। योजना ने गरीबों-वंचितों तक सीधे लाभ पहुंचाने में मदद की है, साथ ही आदिवासियों, महिलाओं, दलितों व अन्य वंचित वर्गों के रोजगार-स्वरोजगार में मदद की है। 21 लाख से अधिक युवा बैंक मित्र या बैंक सखी रूप में कार्यरत हैं। जन-धन खातों ने गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत किया है। जन-धन योजना ने देश में सामाजिक-आर्थिक बदलाव को तेज करने में जो भूमिका निभाई, वह वाकई में अध्ययन का विषय है।

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