Manoj Yadav
मनोज यादव

New Year 2024 Wishes: समय गतिशील है, निरंतरता इसकी पहचान है, अविरल, हरदम समय के साथ कदमताल करने वाले ही सफल होते हैं, उनका जीवन सार्थक होता है। नया साल फिर से दस्तक दे रहा है, लोग बाहें खोलकर इसका इस्तेकबाल करने के लिए उत्साहित है। समय चक्र के इस खेल में हम कहां हैं, इसका अंदाजा और आकलन हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है। बीते साल में हमने अपने स्वभाव में क्या बदलाव किया। हमारे जीवन की यात्रा में सिद्धांतों और व्यवहारों की कसौटी पर हम किस मोड़ पर हैं, यह जानना हमारे लिए अति आवश्यक है। यही संदेश लेकर नया साल हर बार आता है।

मगर संदेश पत्र को हम फाड़कर एक कोने में फेंक देते हैं, सामने हुड़दंग और पार्टी के नाम पर खुद को समर्पित कर देते हैं। हम आकलन भूल जाते हैं, नए साल की उमंग की बाहरी परत के आकर्षण में हम आंतरिक चेतना को शून्य कर देते हैं। और नए साल के आगमन, उसके आकर्षण के मोहफांस में आकर अंतर्मन में न झांकने की भूल करते रहते हैं। निश्चित रूप से नया साल ईसाई कैलेंडर के पलटने की एक प्रक्रिया है। नूतनता का अभिनंदन कोई बुरा कार्य नहीं है। मगर खुद की संस्कृति और तहजीब को हम बिल्कुल भी न भूले।

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भारतीय परंपराओं में नवीनता और नूतनता को एक उत्साह और उल्लास के रूप में हमेशा दिखाया गया है। भारतीय उत्सवों में पौधों में नव पल्लव का अंकुरण बसन्तोत्सव का आगाज करता है। प्रकृति के साथ हमारे उत्सव और त्योहारों का बड़ा गहरा नाता है, क्योंकि हम प्रकृति की गोद में पलने वाले प्रकृति की संतान है। इसका संदेश भी हमारे उत्सवों में कायम रहता है।

फिलवक्त हम पुराने साल के मुंहाने और नए साल के दस्तक के ध्वनित होने के लिए लालायित है। कर्तव्यों के आकलन को साथ लेकर यादों के लिपटे साये को समेटे हुए हम फिर से नए साल का स्वागत करें, साथ ही खुद में बदलाव के लिए संकल्पित हों।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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