Mukhtar Ansari: गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट (Ghazipur MP MLA Court) ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके भाई अफजाल अंसारी को 15 वर्ष पुराने गैंगस्टर मामले में सजा सुनायी। यह योगी सरकार (Yogi Sarkar) की कोर्ट में प्रभावी पैरवी का नतीजा है कि वर्ष 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai murder case) और कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण कर फिरौती मामले के गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना जबकि उसके भाई अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को 4 साल की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

योगी सरकार (Yogi Sarkar) की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अभियोजन निदेशालय ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) के खिलाफ कोर्ट में बहस के दौरान पुलिसकर्मियों, पीड़ित पक्ष और गवाहों की गवाही कराई। वहीं गवाहों को पुलिस प्रोटेक्शन दिया गया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने माफिया अंसारी ब्रदर्स (Mafia Ansari Brothers) के खिलाफ गवाही दी। अभियोजन निदेशालय की ओर से अंसारी ब्रदर्स (Ansari Brothers) को सजा दिलाने के लिए जिलाधिकारी और संबंधित जनपद के पुलिस अधीक्षक से वार्ता कर गवाहों की शत-प्रतिशत उपस्थिति कोर्ट में सुनिश्चित की गयी। मालूम हो कि योगी सरकार में इससे पहले भी माफिया मुख्तार को सजा हो चुकी है।

Mukhtar Ansari

पिछली सरकारें अंसारी ब्रदर्स (Ansari Brothers) को देती आयीं संरक्षण

पिछले 6 वर्षों में योगी सरकार में ही यह संभव हो पाया कि प्रदेश में माफिया आज सलाखों के पीछे अपनी सजा काट रहे हैं। इससे पहले की सरकारों सपा और बसपा अपनी बादशाहत कायम करने के लिए माफिया अंसारी ब्रदर्स (Mafia Ansari Brothers) से सांठगाठ कर सत्ता का सुख भोगने में लगी थीं। पिछली सरकारों में इन माफिया को संरक्षण मिलने से उनका मनोबल बढ़ता गया और यह विधायक और सासंद चुने जाते रहे। इस दौरान वो और उनके साथी जमीन पर कब्जा, हत्या, अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम देते रहे। ये वही बड़े माफिया हैं जो पहले की सरकारों में खुलेआम किसी किंग की तरह जीते थे और अपना अत्याचार प्रदेश की जनता पर बेखौफ होकर करते थे।

ये माफिया जब खुलेआम घूमते थे तो लगता था कि ‘कानून की सड़क’ उसकी चौखट तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती है। लोगों के मन मस्तिष्क में एक बोर्ड लग गया था। इनके आगे ‘पुलिस, कोर्ट, कचरी और न्याय जैसे शब्दों की सीमा समाप्त हो जाती थी, लेकिन योगी सरकार ने इस भ्रम को तोड़ा और इन्हे सलाखों के पीछे धकेलने का काम किया। वहीं योगी सरकार ने माफिया को उसकी सही जगह बताई। पहली बार इन माफिया ब्रदर्स के चेहरे पर सरकार और कानून का डर दिखा।

देश और प्रदेश की जनता ने यह भी देखा कि अभियोजन और पुलिस का बेहतर समन्वय हो और कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जाए तो बड़े से बड़े अपराधी को अपने गुनाहों का हिसाब देना पड़ता है और उसे उसकी सही जगह यानी जेल जाना ही पड़ता है। यह सजा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए नजीर है। योगी सरकार की अपराधियों के खिलाफ दृढ़ इच्छाशक्ति एवं जीरो राजनैतिक हस्तक्षेप से आज उत्तर प्रदेश माफिया मुक्त और भय मुक्त हो पाया है।

Mukhtar Ansari

यह है मामला

गाजीपुर में वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या की गई थी। मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद से अफजाल अंसारी जमानत पर है। गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के लगभग 15 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। मालूम हो कि पहले इस केस की सुनवाई तो 15 अप्रैल को होनी थी, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश में होने के चलते अगली तिथि 29 अप्रैल नियत की गई थी।

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माफिया ब्रदर्स ही नहीं परिवार पर भी 97 संगीन धाराएं

माफिया अंसारी ब्रदर्स मुख्तार-अफजाल और उसके परिवार पर मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है। माफिया मुख्तार अंसारी पर हत्या के 8 मुकदमों सहित कुल 61 मामले दर्ज हैं। वहीं अफजाल अंसारी पर 7, मुख्तार के भाई शिवगतुल्लाह अंसारी पर 3, मुख़्तार की पत्नी अफसा अंसारी पर 11, मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी पर 8, उमर अंसारी पर 6 और अब्बास की पत्नी निखत बानो पर एक अपराधिक मुकदमा दर्ज है।

मुख़्तार की पत्नी और बेटा उमर चल रहा फ़रार

अंसारी परिवार में मुख्तार, उसका बेटा अब्बास अंसारी, अब्बास की पत्नी निखत बानो जेल के सलाखों के पीछे हैं जबकि मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी और बेटा उमर अंसारी फरार चल रहा है। वहीं गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को अफजल अंसारी को 15 साल पुराने गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना गया है, जिसके बाद अफजल को गाजीपुर जेल भेज दिया गया।

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