पटना: कहने को पुलिस को कानून का रक्षक कहा गया है, लेकिन सच यह है कि अधिकतर पुलिस वाले कानून को अपने हिसाब से चलाने का प्रयास करते हैं। पुलिस से उलझना कोई नहीं चाहता क्योंकि उनके पास डंडा और कलम दोनों की ताकत है। अपराधियों की बात छोड़िए पुलिस वाले फौजियों के साथ भी मारपीट करने में कोई संकोच नहीं करते। लेकिन बिहार के मधुबनी जिले से पुलिस का जो कारनाम सामने आया है, वह हिंदुस्तान के संविधान के लिए कलंक है। मधुबनी जिले के झंझारपुर न्यायालय के विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष ADJ प्रथम अविनाश कुमार को केंद्र से एसपी की शिकायत करना भारी पड़ गया। घोघरडीहा थाना के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एसआई अभिमन्यु शर्मा ADJ प्रथम अविनाश कुमार के चैंबर में घुसकर उन पर तमंचा तानकर मारपीट की।

हिंदुस्तान के इतिहास में यह अपने आप में पहला मामला है, जब कानून के रक्षक न्यायपालिका की मर्यादा तक भूलकर जज के चैंबर में घुसकर गाली गलौज करते हुए मारपीट की। ज्ञात हो कि ADJ प्रथम अविनाश कुमार ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर मधुबनी के एसपी डॉ. सत्यप्रकाश को कानून सिखाने की बात कही है। इसी बात को लेकर दोनों पुलिसकर्मियों का पारा इतना चढ़ गया कि जज के साथ यह कहते हुए मारपीट की कि तुम्हारी इतनी औकात कि हमारे एसपी साहब को परेशान करो।

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यह था मामला

ADJ पर पिस्टल ताने जाने और मारपीट होता देख चैंबर में मौजूद अधिवक्ताओं ने दोनों पुलिसकर्मियों की जमकर धुनाई कर दी, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया है। दरअसल, दोनों पुलिसकर्मी कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे थे। घोघराडीहा थानाक्षेत्र के भोलीरही गांव की रहने वाली महिला ऊषा देवी ने कोर्ट में थानाध्यक्ष की तरफ से झूठा मुकदमा दर्ज कर परेशान करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने इसी मामले में घोघडीहा थाना के SHO को तलब किया था, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुए।

गुरुवार को कोर्ट में पेश होने पहुंचे तो चैंबर में घुसकर जज के साथ न सिर्फ बदतमीजी की बल्कि पिस्टल भी तान दी। इस दौरान जज को हल्की चोट भी आई है। हालांकि जज के सुरक्षा गार्ड ने उन्हें बचा लिया और कोर्ट में मौजूद अधिवक्ताओं ने दोनों पुलिसकर्मियों को बता दिया कि यह उनका थाना नहीं है। पुलिस अभिरक्षा में दोनों पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है।

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