प्रकाश सिं​ह

नई दिल्ली: जब आपका वक्त अच्छा होता है तो हर कोई आपके साथ होता है, लेकिन वक्त खराब होते ही गैरों के साथ अपने भी साथ छोड़ने लगते हैं। उत्तर प्रदेश में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कुनबे से शुरू हुई बगावत की आग अब अन्य परिवार परस्त परिवारों को भी अपने चपेटे में लेती हुई दिखाई दे रही है। केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद परिवारवाद आधारित परिवारों की सबसे ज्यादा दुर्गति हुई है, क्योंकि इन दलों में आगे बढ़ने का मौका पहले परिवार के सदस्यों को दिया गया। पार्टी से असंतुष्ट नेता मजबूरी में दल से जुड़े रहे। लेकिन मोदी सरकार ने परिवारवाद पर हमला बोलकर ऐसे नेताओं के जख्मों को ऐसे कुरेदा कि आज वह ऐसी पार्टियों के खिलाफ मुखर होकर खड़े हो गए हैं।

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जनता ने भी ऐसी पार्टियों का तिरस्कार कर दिया। इसी का नतीजा रहा कि तमाम विरोधों के बावजूद भी मोदी सरकार का भरोसा जनता के बीच कायम रहा। वहीं बिहार की राजनीति में परिवारवादी पार्टियां में बगावत के सुर भी फूटने लगे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के कुनबे में विभाजन के बाद अब इसकी आंच लालू प्रसाद यादव के परिवार तक पहुंच गई है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव जिस तरह से बगावती तेवर दिखा रहे हैं उससे यह लग रहा है कि जल्द ही उनकी विरासत का बंटवारा हो जाएगा। तेज प्रताप के बयानों के चलते लालू प्रसाद यादव के परिवार को कई बार शर्मिंदगी झेलनी पड़ गई हैं। वहीं हाल में उन्होंने पार्टी और परिवार पर गंभीर आरोप लगाकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

तेज प्रताप यादव ने लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में बंधक बनाए जाने की बात कही है। उन्होंने किसी का नाम लिए बैगर कहा है कि उनके पिता को दिल्ली में बंधक बना लिया गया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव को पटना नहीं आने दिया जा रहा है। तेज प्रताप के मुताबिक लालू यादव को बंधक बनाने में पार्टी और परिवार के चार पांच लोग शामिल हैं, जो आरजेडी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं। बता दें कि तेज प्रताप यादव के बड़बोलेपन के चलते उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, लेकिन यह भी सच है कि जेल से रिहा होने के बाद लालू एकबार ही पटना आए हैं।

लालू प्रसाद यादव काफी दिनों से दिल्ली से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में तेजप्रताप यादव का यह दर्द जायज और सोचने वाला भी है। वहीं दूसरा पहलू यह भी है कि बिहार की राजनीति में अपनी अलग धाक रहने वाले लालू प्रसाद यादव आज इतने बेबश हो गए हैं कि वह अपने घर नहीं आ सकते। फिलहाल तेज प्रताप ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा है कि हमने कई बार पिता जी से बात की कि हमारे साथ पटना चलिए, हम लोग साथ रहेंगे। लेकिन कुछ लोग हैं जो हमारे पिता को आने नहीं दे रहे हैं। उन्हें दिल्ली में बंधक बना रखा है। हालांकि उन्होंने चार पांच नेताओं की तरफ इशारा तो किया, मगर नाम नहीं लिया। ऐसे में सवाल यह है कि वह चार पांच नेता कौन हैं, जिनका नाम लेने से तेज प्रताप यादव डर रहे हैं।

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