नई दिल्ली: किसान आंदोलन के नाम पर बंधक बनी सड़कों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर आंदोलनकारी पूरे शहर को बंधक बना रखा है और वह अब शहर के अंदर घुसना चाह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी किसान महापंचायत नाम के संगठन की तरफ से दायर याचिका पर सुनाई के दौरान की है। बता दें कि किसान आंदोलन के चलते हाइवे जाम है और रेलवे यातायात भी काफी दिनों से प्रभावित चल रहा है।

किसान आंदोलनकारी दिल्ली के गाजीपुर, सिघु और टिकरी बार्डर के हाइवे पर कई महीनों से कब्जा जमा रखा है। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं ट्रैफिग भी काफी प्रभावित हुआ है। कुछ जगहों पर तो किसानों ने कई महीने तक रेवले ट्रैक को बाधित कर रखा था। हालांकि अभी भी कई जगह रेलवे यातायात प्रभावित है। शीर्ष अदालत ने हाइवे से कब्जा हटाने के लिए सरकार को कई बार रास्ता निकालने के आदेश दे चुकी है। बता दें कि किसान महापंचायत की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी गई थी।

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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत से कहा है कि आपको एक एफिडेविट दाखिल कर यह बताना होगा कि आप लोग उस किसान आंदोलन का हिससा नहीं हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों पर कब्जा जमा रखा है। कोर्ट ने किसान महापंचायत को हलफनामा दाखिल करने के लिए सोमवार तक का समय दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब दिल्ली के गाजीपुर, सिघु और टिकरी बार्डर की राष्ट्रीय राजमार्गों पर किसानों के अतिक्रमण के चलते सड़क मोहल्ले में तब्दील हो चुकी है। किसानों ने यह ऐसा डेरा जमा रखा है कि जैसे कभी यहां सड़क थी ही नहीं।

किसानों के नाम पर मिली सहानुभूति का नतीजा है कि किसानों ने 15 अगस्त को न सिर्फ दिल्ली में घुसकर लाल किले पर हिंसक प्रदर्शन कर पूरे देश को शर्मसार किया बल्कि सड़कों को जामकर इसी देश के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं। इससे लोगों में प्रदर्शनकारियों के प्रति गुस्सा बढ़ने लगा है।

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