Khushi Dubey: पुलिस (UPPolice) जितना कानून का प्रयोग करती है, उससे कहीं ज्यादा वह उसका दुरुपयोग भी करती है। कानपुर के बिकरू कांड (Bikru case) में कुछ इसी तरह का देखने को मिल रहा है। घटना में शामिल लोगों को जहां एक के बाद एक एनकाउंटर में मार दिया गया है, वहीं नई नवेली दुल्हन खुशी दुबे (Khushi Dubey) को अपराधी बनाकर जेल भेज दिया गया। वहीं कानूनी दांव पेच खेलकर यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद जेल से रिहाई में रोड़े अटका रही है। गौरतलब है कि कानपुर के चर्चित बिकरू कांड (Bikru Case) मामले में आरोपित खुशी दुबे (Khushi Dubey) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिले करीब 12 दिन बीत गए हैं। बावजूद इसके अभी तक उसकी रिहाई नहीं हो पाई है, वह अभी भी जेल में ही है। खुशी दुबे के वकील का कहना है कि पुलिस इस इस मामले में सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है, जिस सत्यापन की कार्रवाई को सिर्फ कुछ घंटे लगते हैं, पुलिस उसे अब तक वो नहीं कर पाई है।

बता दें कि कानपुर के बिकरू कांड में सह आरोपित खुशी दुबे को गत 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लेकिन जमानतगीरों के सत्यापन को लेकर पुलिस (UPPolice) की लचर रवैए के चलते खुशी दुबे जमानत के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पा रही है। ज्ञात हो कि कानपुर की पनकी और नौबस्ता पुलिस को खुशी दुबे को जमानत लेने वालों के सत्यापन का काम करना है, मगर जमानत मिलने के 12 दिन बीत जाने के बावजूद सत्यापन का काम नहीं किया जा सका है। इस मामले को लेकर खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं।

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जमानतियों का सत्यापन नहीं कर रही पुलिस

खुशी दुबे के वकील के अनुसार, कुछ लोग सच को छिपाने में लगे हुए हैं। किसी भी मामले में जमानत लेने वालों के सत्यापन का काम आधे से 1 घंटे में पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन जमानत मिले कई दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस सत्यापन करने में लापरवाही बरत रही है। इसके अलावा यूको बैंक के मैनेजर भी मामले में अपना काम नहीं कर रहे। इसी के चलते खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित ने कोर्ट को इस बात की सूचना दी। इसके बाद कोर्ट ने 3 दिन के भीतर सभी जरूरी कागजातों को लेकर उनकी और नौबस्ता थाने के थाना प्रभारियों समेत यूको बैंक के मैनेजर को 19 जनवरी को तलब किया है। खुशी के वकील की माने तो जानबूझकर मामले को लटकाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस को डर है महीनों बाद खुशी जब जेल से बाहर आएगी तो जेल के अंदर पुलिस की प्रताड़ना के सारे दास्तान बाहर आ जाएंगे।

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