प्रकाश सिंह

IT Raid in Kanpur: ‘नदी के घाट पर यदि सियासी लोग बस जाते, तो प्यासे होंठ दो बूंद पानी को तरस जाते। गनीमत है बादलों पर हुकूमत चल नहीं सकती, वरना सारे पानी उनके खेतों में बरस जाते। यह पंक्ति उत्तर प्रदेश की सियासत पर एकदम सटीक बैठती है। क्योंकि उत्तर प्रदेश के कानपुर में आईटी की रेड (IT Raid) में समाजवादी पार्टी से जुड़े व्यापारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर से अकूत संपत्ति के मिलने से लगाया जा सकता है। इत्र कारोबारी (Perfume Dealer) के घर आईटी की रेड (IT Raid) के दौरान से बरामद हुई रकम के बारे में सुनकर हर कोई दंग है। जानकारी के मुताबिक अभी तक 177 करोड़ रुपए की बरामदगी हो चुकी है। इन नोटों को गिनने के लिए 14 मशीनों को लगाना पड़ गया था। इत्र कारोबारी (Perfume Dealer) ने इन नोटों को रखने के लिए घर के अंदर तहखाना बनवाया था। इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद बीजेपी और सपा आमने सामने आ गई हैं। इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है। उसके समाजवादी इत्र का प्रचार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद कर चुके हैं।

ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि हाल के दिनों में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के घरों पर आईटी की रेड से सपा जहां सरकार को घेरने का प्रयास कर रही थी, वहीं अपनी काली कमाई को व्यापारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के यहां डंफ भी कर रही थी। ऐसे में व्यापारी के यहां आईटी ने रेड मारकर सपा को तगड़ा झटका दिया है। वहीं सपा इस तरह की सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। और हर बार आईटी की रेड पर सवाल खड़े करने वाली पार्टी ने इस बार चुप्पी साध ली है। इस चुप्पी के पीछे दर्द है यह कोई और वजह यह तो बाद में पता चल सकेगा। इत्र वैसे तो खुशबू देने का काम करती है, पर उस पर अगर सियासी रंग चढ़ा हो तो वह दुर्गंध देने लगती हैं। इसी तरह का दुर्गंध अब कानपुर से ‘समाजवादी इत्र’ से फैलती नजर आ रही है।

वहीं इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद बीजेपी सपा पर हमलावर हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तस्वीरों के साथ ट्वीट करते हुए तीखा कटाक्ष किया है। उन्होंने लिखा है- ‘समाजवादियों का नारा है, जनता का पैसा हमारा है! समाजवादी पार्टी के कार्यालय में समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले पीयूष जैन (Piyush Jain) के यहाँ GST के छापे में बरामद 100+ करोड़ कौन से समाजवाद की काली कमाई है?

संबित पात्रा के इस वार पर सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने ट्वीट करते हुए सफाई पेश की है। उन्होंने अपनी सपाई अंदाज में लिखा है कि संबित पत्रा जी आप को जल्दी ही समाजवादी इत्र भेज देंगे।। जिससे आपके अंदर से झूँठ जुमला और अफ़वाह फैलाने की दुर्गन्ध दूर होगी।। ये इत्र लगाने से आपके अंदर इंसानियत और भारतीयता पैदा होगी।और सच बोलने की हिम्मत मिलेगी।। अपने पापों को समाजवादी का नाम मत दो। @sambitswaraj

गौरतलब है कि आईटी की रेड के दौरान इत्र व्यापारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर के अंदर का नजारा किसी नोट छापने वाली फैक्ट्री से कम नहीं लग रहा है। यह तस्वीर इत्र व्यापारी के बेडरूम की बताई जा रही है, जहां पर नोटों की गिनती चल रही है। कमरे में नोट ही नोट नजर आ रहे हैं। इन नोटों को सात लोग गिन रहे हैं। पांच-पांच सौ के नोटों की हजारों गड्डियों को गिनने के लिए मशीने कम पड़ गई, जिसके लिए बाद में और मशीन मंगानी पड़ी।

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आईटी की रेड में इतनी बड़ी रकम की बरामदगी के बाद उत्तर प्रदेश सुर्खियों में आ गया है। वहीं लोगों में यह भी सवाल उठ रहा है कि कौन है इत्र कारोबारी पीयूष जैन? ऐसे में बता दें कि शिखर पान मसाला बनाने वाले पीयूष जैन के DGGI यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस ने छापा मारा है। इस छापेमारी में अब तक 150 करोड़ रुपए मिलने की पुष्टि हो चुकी है। पीयूष जैन पान मसाला के बिजनेस के साथ इत्र का करोबार भी करते हैं। इनके इस इत्र को सपा की सरकार में समाजवादी पार्टी कार्यालय में लांच किया गया था। फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले यह कुछ सियासी दलों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि चुनाव में पार्टियों को व्यापारी किस तरह आर्थिक मदद पहुंचाते हैं, यह हर राजनीतिक दल को पता है। ऐसे में ‘समाजवादी इत्र’ की दुर्गंध राजनीतिक दलों को कितना दूषित करेगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा।

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