लखनऊ: हमारा देश लंबे समय तक गुलाम रहा है। देश की स्वतंत्रता के लिए भारतवासियों ने हर मूल्य को चुकाया है। देश में कई आंदोलन हुए और इन आंदोलन को सफल बनाने के लिए देशवासियों ने अपना सब कुछ दांव पर लगाया है। आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जिन्हें याद करने और उनकी शौर्य गाथाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उक्त उद्गार मुख्य वक्ता प्रदेश के औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सैनी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 21वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।

कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा कि यह देश की विडम्वना है कि 1947 में हमें आजादी भी मिली और देश खंडित भी हुआ। इसलिए आज हमें देश को श्रेष्ठ बनाने और अखंड बनाने के लिए अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अपने इतिहास सीखने की जरूरत है, ताकि राष्ट्रहित में कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसे हालात बने कि हम पर युद्ध थोपे गए, लेकिन हमारी सेना ने डटकर मुकाबला किया। उन्होंने देश के विकास मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक हमारी सरकारें यूरोप मॉडल पर आधारित थीं, लेकिन अब देश का विकास मॉडल भारत केंद्रित होने जा रहा है, जो देश की दशा व दिशा बदल देगा। उन्होंने कहा कि जो भविष्य का भारत होगा, वह चुनौतियों से मुक्त, श्रेष्ठ और समृद्ध होगा। इसमें हम सबकी भागीदारी सुनिश्चित होगी। उन्होंने प्रो.रज्जू भैया को याद करते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि रज्जू भैया चाहते थे कि देश को मजबूत सुरक्षा कैडर मिले, उनके इसी सपने को साकार करने के लिए विद्या भारती ने उनके गांव बुलंदशहर में सैनिक स्कूल का निर्माण किया है।

मुख्य वक्ता प्रदेश के औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सैनी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने की ख़ुशी में जश्न मनाने और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने के लिए पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए कई ऐसे गुमनाम नायकों ने भी अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है, जिनके साथ इतिहासकारों ने अन्याय किया है, ऐसे नायकों के बारे में युवा पीढ़ी को बताने की जरूरत है, ताकि वह उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि देश की आजादी को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए हमारे सैनिक सीमाओं पर डटे हुए हैं और देश के प्रति अपना बलिदान कर रहे हैं, उन्हें भी याद करने का दिन है।

उन्होंने कहा कि विद्या भारती अपने स्कूलों के माध्यम से बच्चों को संस्कारवान शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें देशभक्ति से ओत प्रोत बना रही है, जो हमारे समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य कर रही है। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही योजनाओं का भी जिक्र किया।

विशिष्ट अतिथि एम्स के पूर्व निदेशक प्रो. गिरीश कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में प्रो. रज्जू भैया के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके साथ बिताये पलों को साझा किया। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर जो है, वो नश्वर है परंतु आत्मा अमर है। ऐसे में हम सभी को जीवन में सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य स्वार्थ और मोह-माया के बंधन में फंसा है, जिस दिन हम इस बंधन से स्वयं को मुक्त करने में सफल हो जाएंगे, उस दिन से देश और मानव सेवा हमारे लिए सर्वोपरि होगी।

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मुख्य अतिथि वीर चक्र से सम्मानित कर्नल बिमल किशन दास बैजल ने अपने सैन्य अनुभवों को साझा करते हुए भैया-बहनों को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने सैन्य सेवाओं को लेकर भैया-बहनों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी दिया। इससे पहले उत्तर प्रदेश एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी।

कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का परिचय विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्र और आभार ज्ञापन इतिहास संकलन समिति अवध प्रांत के कोषाध्यक्ष डॉ. अनंत प्रकाश श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. प्रो बीएनबीएम प्रसाद, पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट, सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास के निदेशक ब्रिगेडियर रवि, ग्रुप कैप्टन प्रमोद कुमार गुप्ता (सेनि.), लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. राजीव मनोहर, कर्नल बिमल किशन दास बैजल की पत्नी सरिता बैजल, सूबेदार मेजर हरीराम यादव, आरएसएस पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख नरेंद्र सिंह, अभय सिंह और सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, सेक्टर- आई, जानकीपुरम लखनऊ की छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।

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