Health Tips: सूरज की तपिश पढ़ रही है। इसके साथ ही डिहाइड्रेशन (dehydration) के मामले भी बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मी के दिनों में थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो शरीर में पानी की कमी नहीं होगी जिससे डिहाइड्रेशन (dehydration) की समस्या से बचा जा सकता है।

जिला अस्पताल की ओपीडी में रोज 100 में से 30 मरीज प्यास लगना, चक्कर आना, गहरे पीले रंग का पेशाब आना और कमजोरी की शिकायत के साथ आ रहे हैं जो डिहाइड्रेशन के कारण होने वाली समस्याएं हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ राहुल बाजपेई ने बताया डिहाइड्रेशन (dehydration) तब होता है जब हम जितना तरल पदार्थ लेते हैं, उससे अधिक तरल पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाता है। जब शरीर में पानी की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है तो यह शरीर में खनिजों (नमक और चीनी) के संतुलन को बिगाड़ देता है।

उन्होंने बताया कि स्वस्थ मनुष्य के शरीर में दो तिहाई से अधिक पानी होता है। यह जोड़ों और आंखों को चिकनाहट प्रदान करता है, पाचन में सहायता करता है, अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।

Dehydration के लक्षण

-प्यास लगना और चक्कर आना
-तेज गंध के साथ गहरे रंग का पेशाब होना, सामान्य से कम बार पेशाब आना
-बच्चों में पानी जैसा मल होना, पेट में ऐंठन होना, मतली और उल्टी
-बुखार, भूख कम लगना

बच्चों और बुजुर्गों में होता है ज्यादा खतरा

-बच्चे के शरीर का वजन कम होता है और कम मात्रा में तरल पदार्थ के बाहर निकलने से शरीर संवेदनशील हो जाता है
-बुजुर्गों को शरीर में पानी की कमी के बारे में कम जानकारी होती है। बुजुर्गों को पर्याप्त तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है
-लंबे समय से अस्वस्थ व्यक्ति, मधुमेह से पीड़ित मरीज या शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति जल्दी डिहाइड्रेशन की समस्या से घिर सकता है

डिहाइड्रेशन होने पर क्या करें

-एक दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी ज़रूर पिएं
-नींबू, पानी, सौंफ का शरबत, नारियल पानी, शिकंजी या अन्य पौष्टिक पेय पदार्थों का सेवन करें
-रोजाना केला, तरबूज, खरबूज, खीरा, पपीता, संतरे इत्यादि फलों का सेवन करें। ऐसे फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है
– गर्मियों में रोजाना कम से कम एक कटोरी दही या छाछ का सेवन ज़रूर करें। दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। साथ ही दही के सेवन से शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती है
-घर से निकलते वक्त और आने के बाद घर बना ओआरएस घोल बनाकर पिएं
-बच्चों को डिहाइड्रेशन होने पर दे फलों का जूस

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बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर उन्हें पानी नहीं पिलाना चाहिए, क्योंकि यह उनके शरीर में पहले से ही कम मात्रा में मौजूद खनिजों को पतला कर देता है जिससे समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है। उन्हें फलों का पतला जूस या ओआरएस देना चाहिए। आप छोटे बच्चे को तरल पदार्थ देने के लिए चम्मच या सुई निकली हुई सीरिंज का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इलाज में न करें देरी

अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो डिहाइड्रेशन गंभीर हो सकता है और इसके कारण बच्चे को दौरे पड़ना, मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं और यहां तक की मौत भी हो सकती है।

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