Good News: यूपी के लोगों को एम्स व मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के लिए अस्पताल तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह हासिल कर सकते हैं। ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा को और मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। नए मेडिकल कॉलेजों को भी सेवा से जोड़ने की कवायद चल रही है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में जुलाई 2020 से ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा शुरू की गई। इसमें रोगियों को घर बैठे चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त करने में लाभप्रद रही। इसके माध्यम से आमजन बिना चिकित्सालय जाये सीधे चिकित्सकों से परामर्श कर सकते हैं। गोरखपुर व रायबरेली एम्स भी ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही नए मेडिकल कॉलेजों को भी टेलीमेडिसिन से जोड़ा जायेगा। इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।

डिप्टी सीएम ने बताया कि मार्च 2023 तक प्रदेश के 75 जनपद, मण्डल स्तरीय चिकित्सालयों, 25 मेडिकल कॉलेजों एवं 02 एम्स के माध्यम से टेलीकन्सल्टेशन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ई-संजीवनी प्लेटफार्म के माध्यम से मार्च 2023 तक कुल 58.91 लाख टेलीकन्सल्टेशन सेवायें प्रदान की जा चुकी हैं।

250 सीएचसी में टेलीमेडिसिन की सुविधा

ग्रामीणों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं से प्रदेश के 250 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को जोड़ा जा चुका है। मार्च तक 12942028 लाभार्थियों को 1462410 कन्सलटेशन सेवाएं प्रदान की जा चुकी है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि टेलीमेडिसिन मरीजों के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है। मरीजों को दौड़भाग से भी काफी हद तक राहत मिली है।

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टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं 361 सीएचसी में

प्रदेश में टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं 361 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संचालित की जा रही हैं। मार्च 2023 तक 19,72,093 लाभार्थियों को सेवा प्रदान की गयी है। डिप्टी सीएम का कहना है कि इलाज को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। ताकि मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाजनक तरीके से इलाज उपलब्ध कराया जा सके।

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