छतरपुर: पर्यावरण और आध्यात्म का बहुत गहरा संबंध है, आध्यात्मिकता हमें वास्तविकता की ओर ले जाकर प्रकृति और आत्मा के गहरे संबंध का अनुभव कराती है। भारतीय संस्कृति पर्यावरण के साथ बहुत नजदीक से जुड़ी है, हमारी जीवन शैली सदा ही पर्यावरण की मित्र रही है। परन्तु वर्तमान समय में प्रकृति और अध्यात्म का समन्वय बिगड़ गया है। इसके फलस्वरूप प्रकृति के पांचों तत्वों का असंतुलन देखने को मिल रहा है।

Brahma Kumaris Kalpataruh

उक्त उद्गार महोबा रोड स्थित एसके हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में बीके भारती बहन ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति यह सन्देश दे रही है कि अब यह जागने का समय है। प्रकृति के साथ जुड़कर उसे देवतुल्य मानने की परंपरा को जीवित रखने की आवश्यकता है। हमें अपने हृदय में प्रकृति के प्रति निच्छल प्रेम जगाने की आवश्यकता है।

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इस अवसर पर बीके छत्रसाल ने कहा कि संस्था की ओर से इस वर्ष कल्पतरूह अभियान के अंतर्गत पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त कर प्रकृति को सुंदर बनाने के लिए केवल पौधारोपण ही नहीं करना है, बल्कि पौधे के बड़े होने तक उसकी सेवा भी करनी है। इसके लिए सभी को संकल्प लेना है कि हमें पौधों का तब तक देखरेख करना है कि जब तक वह वृक्ष न बन जाए।

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कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित एसके हायर सेकेंडरी स्कूल डायरेक्टर दिनेश रावत ने अपनी शुभकमनाएं दी एवं स्वयं एक पौधा लगाकर सभी को उत्साह वर्धन किया। उप निदेशक विनीता पटेरिया ने भी अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे कल्पतरुह प्रोजेक्ट में अपना पूरा सहयोग देगी। इस अवसर पर विशेष रूप से प्रिंसिपल पूनम चौरसिया, वाइस प्रिंसिपल राजेश्वरी चौरसिया, कविता चौरसिया, रोशनी चौरसिया, सुनीता चौरसिया, रोशनी यादव, शिवानी चौरसिया, नंदिनी कौशिक, सोनम नायक, बीके कपिल, बीके कैलाश आदि उपस्थित रहे।

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अंत में बीके भारती बहन ने सभा में उपस्थित सभी बच्चों को प्रतिज्ञा कराई और कल्पतरुह के अंतर्गत कम से कम एक वृक्ष लगाने का अनुरोध किया। इस अवसर पर विशेष स्कूल के छोटे बच्चों ने एक-एक पौधा रोपित किया।

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