लखनऊ: समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव प्रीति तिवारी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को भाजपा ने बंधक बना लिया है। ब्लाक प्रमुख चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं द्वारा अराजकता और हिंसा किया जाना लोकतंत्र का उपहास है। सत्ताधारी भाजपा के लोग सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं और पुलिस प्रशासन लोकतंत्र की हत्या के समय मूकदर्शक बन तमाशा देखती रही।

सिद्धार्थनगर के इटवा ब्लाक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ दुर्व्यहार और उनकी गाड़ी को तोड़ा जाना निंदनीय है। हरदोई में साण्डी ब्लाक में समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डाॅ. राजपाल कश्यप का पर्चा फाड़ दिया गया। सम्भल, बस्ती का गौर, झांसी के बड़ागांव ब्लाक, सीतापुर में कसमण्डा ब्लाक, कानपुर के बिल्हौर और शिवराजपुर, बुलन्दशहर, ललितपुर, उन्नाव, गाजीपुर, गोरखपुर, महराजगंज के सिसवा, परतावल, पनियरा, सदर, देवरिया के भटनी, चित्रकूट के मानिकपुर और कर्वी, एटा के मारहरा में ब्लाक प्रमुख पद के लिए समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के नामांकन में भाजपाइयों ने अवरोध पैदा किया।

इसे भी पढ़ें: बीजेपी समर्थित प्रत्याशी ने बदला गौर ब्लॉक का इतिहास

बहराइच में ब्लाक प्रमुख नामांकन के दौरान पुलिस ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर लाठीचार्ज किया यहां पूर्व विधायक शब्बीर बाल्मीकि और जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव सहित कई कार्यकर्ता चोटिल हो गए। महाराजगंज के घुघली ब्लाक के समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी का पर्चा भाजपा नेताओं ने छीन लिया। घटना का विरोध करने पर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को पीटा गया। चुनाव की कवरेज कर रहे कन्नौज में पत्रकारों को पीटकर बंधक बना लिया गया। भाजपा सरकार में प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के एजेन्ट की भूमिका में है। यह लोकतांत्रिक प्रणाली को दूषित करने का कृत्य है।

उत्तर प्रदेश में जिन ब्लाक प्रमुख प्रत्याशियों का नामांकन नहीं हुआ है उन्हें अवसर देकर नामांकन कराने की व्यवस्था की जाए अथवा पूरी प्रक्रिया फिर से की जाए। लोकतंत्र का भाजपा ने बहुत अहित किया है। उत्तर प्रदेश में संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। प्रत्याशियों को धमकी दी जा रही है। कई जिलों में भाजपा ने पर्चा नहीं लेने दिया। समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के पर्चे छीन लिए गए।
जनता में भाजपा के विरूद्ध भारी जनाक्रोश है वह 2022 में विधानसभा के चुनाव में जनता पूरा हिसाब-किताब करेगी।

इसे भी पढ़ें: शासन के फरमान के खिलाफ आंदोलन की ओर स्वास्थ्य विभाग

Spread the news