लखनऊ: ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे उपद्रव को लेकर जहां शासन-प्रशासन विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। वहीं बड़ा सवाल यह भी है कि क्या यह चुनाव कभी निष्पक्ष रहा है। आज जो लोग सरकार की आलोचना में लगे हैं उन्हें यह सोचना चाहिए क्या ऐसा पहली बार हो रहा है। सच तो यह है कि यह एक परंपरा सी बन गई है, जिससे छुटकारा तो सभी चाहते हैं, पर पहल करने की हिम्मत किसी में नहीं है। जो तब हो रहा था न वो सही था और जो अब हो रहा है यह भी सही नहीं है। लेकिन जब तक प्रशासन का राजनीतिकरण होता रहेगा, तब तक इसे रोका भी नहीं जा सकता। आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां ब्लॉक प्रमुख के पद पर वर्षों से चुनाव ही नहीं हुए, क्योंकि सामने वाले के सामने किसी ने प्रत्याशी उतारने की हिम्मत ही नहीं जुटाई।

प्रतापगढ़ के कुंडा, कालाकांकर, बाबागंज, बिहार ब्लॉक, इटावा आदि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां चुनाव के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जाती है। बाकी ब्लॉक प्रमुख कौन है और कौन रहेगा यह पहले से तय रहता है। बताते चलें कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के राजनीति में आने के बाद से कुंडा, कालाकांकर, बाबागंज और बिहार ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर उनके समर्थकों का कब्जा कायम रहा है। इस बार इन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। हालांकि यहां राजा भैया के रसूख को समाजवादी पार्टी ने चुनौती दी है। इस चुनौती का अंजाम क्या होगा यह शाम तक स्पष्ट हो जाएगा।

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गौरतलब है कि इसी तरह बस्ती जनपद का गौर ब्लॉक पर महेश सिंह का कब्जा वर्षों से बरकरार रहा है। इस बार बीजेपी ने उन्हें चुनौती दी और काफी मशक्कत के बाद अपने प्रत्याशी को निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनवाने में सफल रही है। लेकिन सत्ता में रहने के बावजूद भी बीजेपी को यहां जद्दोजहद करनी पड़ी। आलम यह रहा कि गौर थानेदार के कहर से बीजेपी अपने समर्थकों को नहीं बचा पाई। गौर पुलिस ने ब्लॉक परिसर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। हालांकि देर शाम शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने थानेदार शमशेर बहादुर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया।

नतीजा यह हुआ लाइन हाजिर होने के बाद शासन और प्रशासन को चुनौती देते हुए थानेदार का भव्य विदाई समारोह किया गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा न सिर्फ कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाई गईं बल्कि शराब के नशे में धुत्त पुलिसकर्मियों ने सड़क पर शानदार डांस प्रदर्शन भी किया। फिलहाल मीडिया में खबर आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए थानेदार समेत 15 लोगों का सस्पेंड कर दिया है।

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