Barabanki News: कितने खुदगर्ज होते हैं ये ऊंचे मकानों में रहने वाले, जो गरीबों को मिलने वाली धूप को भी रोक लेते हैं। यह पंक्ति उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के ग्राम पंचायत बंभौरालोदी पर सटीक बैठती है। ग्रामीण क्षेत्र के गरीब मजदूरों के लिए सहारा बनी मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी है। एक तरफ जहां मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में हिस्सेदारी का खेल चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ मनरेगा मजदूरों की जगह उपकरणों का सहारा लिया जा रहा है। इससे मनरेगा मजदूरों का जहां हक मारा जा रहा है, वहीं सरकारी धन जमकर बंदरबाट हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी जनपद के ग्राम पंचायत बंभौरालोदी में मनरेगा के जरिए चल रहा भ्रष्टाचार का खेल उजागर हुआ है। यहां चरागाह के समतलीकरण में मनरेगा मजदूरों की जगह ट्रैक्टरों से कार्य कराया जा रहा है।

पूरा मामला विकासखंड सिद्धौर, तहसील हैदरगढ़ के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बंभौरा लोदी का है। यहां गाटा संख्या 748 चरागाह के समतली करण का कार्य मनरेगा के अन्तर्गत होना था, जो कि निर्धारित अवधि में पूरा नहीं हो सका और रोजगार सेवक ने मस्टररोल जीरो कर दिया। जिसके बाद ग्राम प्रधान सीता ने रात के अंधेरे में ट्रैक्टर और रोटावेटर की मदद से समतलीकरण का कार्य कराना शुरू किया।

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रोजगार सेवक को जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर डायल-100 की टीम की मौजूदगी में इसका वीडियो बना लिया। रोजगार सेवक की मानें तो ग्राम प्रधान ट्रैक्टर से काम कराकर मनरेगा मजदूरों का हक तो छीन ही रहे हैं, साथ ही धन का बंदरबांट भी किया जा रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत खंड स्तर पर भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद रोजगार सेवक ने जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।

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