Arvind Kejriwal: नंगा खुदा से बड़ा, यह कहावत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर एकदम सटीक बैठती है। भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही इस्तीफे की मांग करने वाले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आज अकंठ भ्रष्टाचार में डूब चुके हैं। उनकी सरकार के मंत्री शराब घोटाले में सलाखों के पीछे हैं और वह खुद जांच एजेंसियों के राडार पर हैं। बावजूद इसके वह खुद को कट्टर इमानदार बताकर जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दिल्ली शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीएम केजरीवाल को समन भेजकर 2 नवबंर को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन खुद को कट्टर इमानदार बताने वाले ईडी के समक्ष पेश होने की जगह मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने निकल गए। साथ ही ईडी को पत्र भेजकर समन वापस लेने को कहा है।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों की तरफ से अक्सर कहा जाता है कि बीजेपी सरकार में संविधान खतरे में हैं। लेकिन जब अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जैसे नेता संविधान का मखौल बनाते हैं, तो सब चुप्पी साध लेते हैं। जांच एजेंसी की जांच में सहयोग करने की जगह भ्रष्टाचार में डूबी दिल्ली सरकार कमी तरफ से यह कहा जाना कि समन वापस ले लिया जाए, कहा तक मुनासिब है। यानी केजरीवाल सत्ता में हैं तो उन्हें लूट करने की खुली छूट मिलनी चाहिए। खैर दिल्ली शराब नीति घोटाले से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतनी आसानी से बचने वाले नहीं हैं। क्योंकि ईडी के सामने और भी विकल्प खुले हैं। माना जा रहा है ईडी जल्द अरविंद केजरीवाल को फिर से समन जारी कर सकती है। जानकारों की मानें तो तीन बार समन जारी होने के बाद भी अगर केजरीवाल ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं, तो जांच एजेंसी उनके खिलाफ वारंट की मांग कर सकती है।

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बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार ईडी के समक्ष पेश होने की जगह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए निकल गए। वह यहां सिंगरौली विधानसभा खेत्र में रोड शो करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ईडी को पत्र भेजकर समन वापस लेने को कहा है। उनका आरोप लगाया है कि समन गैर कानूनी और राजनीति से प्रेरित है। उनका कहना है कि बीजेपी के इशारे पर उन्हें समन भेजा गया। ईडी ने 30 अक्टूबर को उन्हें समन भेजकर पेश होने के कहा था।

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