लखनऊ: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के गांव में घुसते ही एक आवाज सुनाई देती है, सुनो मैं प्रेमचंद। यह आवाज थोड़ी ही देर में प्रेमचंद की कहानियां सुनाने लगती है। यह कहानियां आज 365 दिवस से निरंतर सुनाई जा रही है। हां यह जरूर है कि आज विश्व रेडियो दिवस है। सुनना, सुनाना, सुनकर पढ़ना, सुना कर बताना इन सारी चीजों का दिन है। इसी उपलक्ष में प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के सौभाग्य श्रोताओं आदि का आज अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित की गई।
संस्कृति पर्व के संपादक संजय तिवारी का अभिनंदन
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक डॉ. राम सुधार ने कहा कि उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेम चंद की कहानियां ग्रामीण परिवेश की समस्याओं और आम जनता से जुड़ी हुई हैं। सुनो मैं प्रेम चंद व रेडियो प्रेम चंद के माध्यम उन कहानियों को आम जन तक पहुंचाने का अद्भुत एवं अतुलनीय कार्य किया। फादर आनंद प्रेमचंद की कहानी का लाइव पाठन किया, साथ में मंजरी पाठ पांडेय ने भी प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का गीत में प्रस्तुति की। इस अवसर पर फादर आनंद मंजरी पांडेय, संजय तिवारी, डॉ. शिप्रा धर, डॉ. ऋतु गर्ग, डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी, मुकेश झंझर वाला, राहुल विश्वकर्मा, वेद प्रकाश शुक्ला, मनोज विश्वकर्मा, विवेक विश्वकर्मा, अखिल आनन्द, लोकनाथ प्रसाद राजू इन सभी लोगों को अभिनंदन प्रमाण पत्र प्रदान की गई।
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मंच का संचालन डॉ. राम सुधार सिंह, अतिथि का स्वागत संस्था के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्था के संस्थापक व निदेशक राजीव गौड़ ने दिया। इस अवसर प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, अखिल आनन्द, चंदन एवं गाँव वासी उपस्थित रहे।
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