बस्ती: उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी की प्रधानाचार्य श्वेता पाण्डेय ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, सीबीएसई निदेशक इलाहाबाद को पत्र भेजकर न्याय की मांग किया है। भेजे पत्र में श्वेता पाण्डेय ने कहा है कि विद्यालय की मान्यता के समय उनके शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों के आधार पर ही सीबीएसई से मान्यता मिली। विद्यालय के प्रबन्धक धीरेन्द्र शुक्ल एवं उनके छोटे बेटे प्रबन्धक निदेशक विनय शुक्ल ने गत 31 मार्च, 2022 को बिना कोई नोटिस दिये उन्हें विद्यालय आने से मना कर दिया।

भेजे पत्र में प्रधानाचार्य श्वेता पाण्डेय ने कहा है कि पिछले दो वर्ष के कार्यकाल में उन्हें सीबीएसई के अनुसार पूर्ण वेतन का भुगतान नहीं किया गया। उनके शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की छाया प्रति, नियुक्ति प्रमाण-पत्र, सेवा पुस्तिका, एकाउन्ट, पासबुक, ईपीएफ आदि रख लिया गया है। आज भी वेबसाइट से लेकर डायरी, पोस्टर, बैनर आदि पर उनके नाम और मोबाइल नम्बर का प्रयोग किया जा रहा है।

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श्वेता पाण्डेय ने उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी निकट रोडवेज बस्ती के मान्यता की जांच कराकर पूर्ण वेतन का भुगतान कराने, डाक्यूमेन्ट वापस देने, प्रिंसपल पद से हटाने का कारण बताने और विद्यालय के सभी स्थानों से उनका नाम हटाने का आग्रह किया है। इस सम्बन्ध में विद्यालय के प्रबन्धक का पक्ष प्राप्त नहीं हो सका है।

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