Pauranik Katha: राजा जनक को नर्क द्वार का दर्शन

Pauranik Katha: प्राचीन काल की बात है। राजा जनक ने ज्यों ही योग बल से शरीर का त्याग किया, त्यों ही एक सुन्दर सजा हुआ विमान आ गया और राजा…

Pauranik Katha: सन्त के आशीर्वाद का ऋण

Pauranik Katha: एक बार महर्षि नारद बैकुंठ की यात्रा पर जा रहे थे। नारद जी को रास्ते में एक औरत मिली-और बोली, मुनिवर! आप प्रायः भगवान नारायण से मिलने जाते…

Pauranik Katha: शिवभक्त भृंगी जिनके लिए भगवान को धारण करना पड़ा अर्द्धनारीश्वर रूप

Pauranik Katha: महादेव के गणों मे एक हैं भृंगी। एक महान शिवभक्त के रूप में भृंगी का नाम अमर है। जहां शिव होंगे वहां गणेश, नंदी, श्रृंगी, भृंगी, वीरभद्र का…

Pauranik Katha: हंस और कौवा

Pauranik Katha: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था, तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती…

Kahani: 19 ऊंटों की कहानी

Kahani: एक गांव में एक व्यक्ति के पास 19 ऊंट थे। एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि मेरे…

Pauranik Katha: गुरु मंत्र का प्रभाव

Pauranik Katha: स्कन्द पुराण के ब्रह्मोत्तर खण्ड में कथा आती है। काशी नरेश की कन्या कलावती के साथ मथुरा के दाशार्ह नामक राजा का विवाह हुआ। विवाह के बाद राजा…

Pauranik Katha: महादेव के भक्त भील-भीलनी की कहानी

Pauranik Katha: चंड नामक एक सरल हृदय का भील जंगल में रहता था। वहां टूटा-फूटा पुराना शिवालय था। उसमें कोई पूजा नहीं करता था। चंड उस मूर्ति को उठाकर अपने…

Pauranik Katha: माता पार्वती का महल लंका

Pauranik Katha: एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह-तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से…

Kahani: हनुमान और अंगद दोनों ही समुद्र लांघने में थे सक्षम, फिर पहले हनुमान क्यों गए लंका!

“अंगद कहइ जाउँ मैं पारा। जियँ संशय कछु फिरती बारा॥” Kahani: अंगद बुद्धि और बल में बाली के समान ही थे। समुद्र के उस पार जाना भी उनके लिए बिल्कुल…

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