Poem: हम भारत के रहने वाले हैं

हम भारत के रहने वाले हैं, भारत की बात बताते हैं। इसकी मिट्टी से प्रेम मुझे, ये जगती को समझाते हैं।। सह जीवन में विश्वास मेरा, प्रकृति से साथ निभाते…

Poem: परीक्षा कक्ष में

परीक्षा कक्ष में परीक्षा देने के लिए महज़ अभ्यर्थी नहीं बैठता, उसके साथ बैठते हैं अपने-परायों के बेहिसाब दिल चीरते ताने जीत-हार के बीच का मन में पलता द्वंद कई…

Kavita: कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर

कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर थैला थाली और गिलास। स्वच्छ कुम्भ का परिसर सारा सुरक्षित पर्यावरण विकास।। गांव गांव में करें जागरण नव चैतन्य का ले प्रकाश। घर से चलें…

Kavita: ज्यों निकल कर बादलों की गोद से

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से थी अभी इक बूँद कुछ आगे बढ़ी, सोचने फिर-फिर यही जी में लगी आह क्यों घर छोड़ कर मैं यूँ कढ़ी। दैव मेरे…

Kavita: एक अनजान से रिश्ते को

मैंने देखा है फिल्मों में वो लड़के जो बना करते हैं एक टूटी सी लड़की का सहारा कन्धा कहलाये जाते हैं। मारते हैं फटीक वो अपनी ही मोटरसाइकिलों पे बैठाकर…

Kahani: क्या लगता है मैं रुकूँगा

क्या लगता है मैं रुकूँगा नहीं, असंभव। क्या लगता है मैं झुकूँगा नहीं, असंभव।। कष्टों को खूँटी पर रखकर सूर्य से नज़र मिलायेंगे। असि मनोबल की लेकर रण-भूमि में भिड़…

Kavita: बाढ़त गर्मी छुटत पसीना

बाढ़त गर्मी छुटत पसीना, भीजत देह के कोना कोना! पारा चढ़त चुनावी गर्मी, भला दोस्त से दुश्मन होना। तीन जून तक बढ़ी है गर्मी, चार के भीजी खटिया बिछौना! वकरे…

Kavita: लोकतंत्र के विजयोत्सव से

लोकतंत्र के विजयोत्सव से, ज़न ज़न में अभय भाव जागे। जीवन मूल्य सनातन होंगे, हो भारत में रामराज्य आगे।। एकात्म दृष्टि होगी समाज में, होगी सबको बढ़ने की सुविधा। चहुं…

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