Kavita: भारत के नायक

राम कृष्ण महावीर बुद्ध हैं नानक भारत के नायक। बाल्मीकि वेदव्यास सूर तुलसी हैं भारत के गायक।। भारत से ‘भा’रत है भारत भारत ऋषियों की तपोभूमि। यहाँ हुए भगीरथ से…

Kavita: आओ पुनः जगाएं भारत को

जिनकी रगों में रक्त सनातन जिनके पूर्वज थे ऋषि हमारे, जो भय लोभ से बने विधर्मी हैं फिर भूले संस्कार वे सारे। भूले बिसरे रहे अभी तक मर्यादायें भी सब…

Kavita: विश्व गुरु य़ह भारत वर्ष

बाहों में बल, पैरों में गति, संकल्प अटूट हृदय में हो। धैर्य विवेक लगन के स्वामी, अपनत्व भाव अन्तर में हो।। दुष्ट दलन सामर्थ्य तुम्हारी, दृष्टि से पराभूत भयकारी। हित…

Kavita: एक दृष्टि

‘भा’रत भारत पुनः खड़ा हो, स्वामी विवेकानन्द ने बोला था। स्वर्णिम अतीत को जानेंगे सब, नव स्वाभिमान पथ खोला था।। झंझावातों में बढ़ हम सब ने, है कटक पथ की…

Kavita: एक दृष्टि

हरिशंकरी रोपित करो बनो हरियाली के मित्र जलवायु भी ठीक हो बदले धरती का चित्र बदले धरती का चित्र ताप भी कम हो जाये मानवता के साथ ही पशु पक्षी…

Kavita: भारत भाग्य विधाता

जनगण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता। उत्तर में कैलाश मानसर है गंग सिंधु उद्गाता। दक्षिण में है हिन्दू सागर भारत तरल तरंगा। पूरब में है वंग की खाड़ी…

Kavita: हरियाली माह का शुभारंभ

गुरु पूर्णिमा अषाढ़ी पावन, है व्यास पूर्णिमा कहलाये। प्रकृति हँसे हरियाली आए, जीवन का सच बतलाये।। हरियाली तीज झूले झूलें, सावन माह मल्हारें गायें। वृक्षारोपण करें माह भर, रक्षाबन्धन खूब…

महानायक हैं ‘जेपी’ सर

महानायक हैं ‘जेपी’ सर, सदा उपकार हैं करते। जलाकर ज्ञान का दीपक, तिमिर का नाश हैं करते।। ये लेखक हैं बड़े बेहतर, साहित्य से प्रेम हैं करते। कवि हैं मंच…

मेरे प्रियतम तुम सावन में

मुरझाते उपवन को प्रियतम, रसवती कर जाओ। कोमल कंज खिलूँ बन जिसमें, तुम पुष्कर बन जाओ।। नैन थके हैं राह निहारत, रिक्त प्रेम का है प्याला। विरह अग्नि में तपते…

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