Poetry: बारिश की बूँदे
रिमझिम रिमझिम बरस रही, बारिश की बूँदे प्यारी। हरे भरे हैं वृक्ष सभी, मुस्कातीं बगिया सारी।। धीरे-धीरे डोल रही है, अल्हड़ मस्त हवाएं। अनुराग हुआ उन्मुक्त हृदय, हम कैसे इसे…
रिमझिम रिमझिम बरस रही, बारिश की बूँदे प्यारी। हरे भरे हैं वृक्ष सभी, मुस्कातीं बगिया सारी।। धीरे-धीरे डोल रही है, अल्हड़ मस्त हवाएं। अनुराग हुआ उन्मुक्त हृदय, हम कैसे इसे…
लखनऊ: भारतीय समाज-शास्त्र एक ओर सैद्धान्तिक तौर पर नारी को आदर और सम्मान का पात्र घोषित करता है और “यत्र नार्यन्ति पूज्यंते तत्र रमन्ते देवता” जैसी उद्घोषणाएँ करता है तो…
हर तरफ दर्द का समन्दर है। ऐ खुदा कौन सा ये मंजर है। मुल्क में बेबसी का है पहरा। और सोया हुआ कलन्दर है। मुश्किलों से जो हारकर बैठे। कैसे…
नहीं पता कब हो जायेगी, इस जीवन की शाम। मानवता के पथ पर चलकर, आओ सबके काम। तन का जब तक साथ निभाये, सांसों की ये डोर। तब तक बनो…
वक्त यह जैसा कहेगा अब तुम्हें ढलना पड़ेगा आंधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा लाख बाधायें भले ही अब तुम्हें आकर डरायें हों भले अवरोध कितने पग न लेकिन…
जब तक चलेंगी ज़िन्दगी की सांसें कहीं प्यार कहीं, टकराव मिलेगा। कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा। कहीं मिलेगी ज़िन्दगी में प्रशंसा तो कहीं नाराजगियों…
सबके आंगन में आयेगा, खुशियों का फिर डेरा। इस दुनिया से मिट जायेगा, दुख का मीत अंधेरा। विपदाओं की गठरी से तुम, नहीं कभी घबराना। मुश्किल का जो पल आया…
ईसा सतगुरु खुदा बुद्ध अब, सुन लो हे भगवान। मांग रहा हूं दे दो सबको, पहले सी मुस्कान।। रोये-रोये सभी यहां हैं, नहीं कहीं उल्लास। सांसे होती बंद देख कर,…
वाह! रे मदिरा तेरी तो, है महीमा अपरम्पार! तुम्हीं चलाते अर्थव्यवस्था, तुमसे है सरकार!! श्रम, संकट, संताप भूल नर, सपनों में खो जाता है। रंक पीये जो एक घूँट तो…
हर दर्द को जो दिल में छुपाता चला गया। हर मुसकिलों में चुटकियाँ, बजाता चला गया।। झुका सकी ना मिल के ये दुनिया जिसे कभी। अपनों का जाना रोज़ रुलाता…