लक्ष्मणपुरी पुनीत मनभावन
लक्ष्मणपुरी पुनीत मनभावन, सुखद सुलक्ष्ण परम सुहावन। है कर्म साधना की शुभ घड़ी, पुनि द्वार तुम्हारे आकर खड़ी।। उठि लक्ष्य का भेदन करिए, रीते घट मिलिके सब भरिये। भारतीय गौरव…
लक्ष्मणपुरी पुनीत मनभावन, सुखद सुलक्ष्ण परम सुहावन। है कर्म साधना की शुभ घड़ी, पुनि द्वार तुम्हारे आकर खड़ी।। उठि लक्ष्य का भेदन करिए, रीते घट मिलिके सब भरिये। भारतीय गौरव…
बृजेंद्र खिल उठे हृदय का तंतु तंतु, जग उठें शीत में सुप्त जंतु। हँसती चहूं दिश होवे बयार, स्वागत को हो ऋतुराज द्वार।। जब रंगबिरंगी तितली बहकें, विविध भांति चिड़िया…
चंचल माहौर ‘स्वर’ एक आरजू उसके संग रहने की। हवाओं में संग उसके बहने की। जुस्तजू इतनी सी रहे वो मेरे साथ, आदत नहीं खुद को बदलने की।। दर्द देने…
काम पकरि लेव, लगि लेव धंधे तजि माया अरु लोभ! उमर बीस बीती है जब से, सुना रहे हैं लोग!! सुना रहे हैं लोग समय है बुरा ज़माना, दिल्ली जाकर…
महानायक हैं ‘जेपी’ सर, सदा उपकार हैं करते। जलाकर ज्ञान का दीपक, तिमिर का नाश हैं करते।। ये लेखक हैं बड़े बेहतर, साहित्य से प्रेम हैं करते। कवि हैं मंच…
उर के सुर विपरीत हो जब, झूठे करीब में मीत हो जब, साथ हो भीड़ रकीबों की, आदेश हो बुद्धिगरीबों की। सीधी राहों से कट लेना, ‘बागी’ की बातें रट…
ज्येष्ठ मास रीती सरिताएँ, रीते मन के क्षोभित कोने! सुलग रही हैं दसों दिशाएँ, चली चंचला उतान सोने!! ठुमुक-ठुमुककर बत्तखों जैसी, चाल भवानी की मतवाली! गदरानी कुम्हलाती बाँहें, कमसिन है…
ऋतु बसंत लेकर आया, रंग रंगीला फाग। नवपल्व की चुनर ओढ़े, उपवन करे सिंगार।। उपवन करे सिंगार, हुआ मौसम रंगीला। भौंरा मन मुस्काए, घुमे बन छैल छबीला।। कलियों के संग…
देख तुम्हारी अदा प्रिये, बिन पिये नशा छा जाता है। आने की तेरी आहट सुन, दिल झूम-झूम कर गाता है।। नभ से वसुधा पर आई हो, तुम परी हो कोई…
धवल चांदनी छिटक रही है, नूर समेटे बांहों में। चुपके से आ जाओ प्रियतम, नैन निहारे राहों में। मन में विरह का ताप बहुत है, दूर..! निंद का डेरा है।…