प्रकाश सिंह
गोंडा: शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन घरों और मंदिरों में कन्याओं का विशेष पूजन कर भक्तों ने सुख समृद्धि की कामना की। गांव व कस्बे के हर छोटे बड़े मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिली। दुर्गा पंडालों व मंदिरों में मां सिद्धिदात्री की विशेष पूजा अर्चना की गई। इसके बाद कन्या पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया। आपको बता दें बच्चों को इंसानों का सबसे शुद्ध यानी भगवान का रूप माना जाता है। इसलिए लोग शुद्ध आत्मा के रूप में कन्या पूजन करते हैं।
परसपुर विकासखंड के ग्राम सभा बिशुनपुर कला के गांव गोरछहन पुरवा में शारदीय नवरात्रि पर ग्राम वासियों ने एकजुट होकर मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर, मूर्ति स्थापना की बल्कि इस बार ना सिर्फ मां काली की। लोगों ने हनुमान व शनि देव मंदिर का निर्माण कर बड़े धूमधाम से मूर्ति की स्थापना की। ज्ञात हो कि इस मंदिर की एक खास विशेषता है जिसे पूर्वजों से निभाई जा रही है। इस मंदिर में हर तीसरे वर्ष समस्त ग्रामीणों द्वारा पैसा जुटा कर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है।
इस भागवत कथा में बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठा होकर मां के जयकारे लगाते हैं व अंतिम रात्रि जागरण व झांकी का कार्यक्रम होता है। भागवत कथा में समस्त ग्राम वासियों का काफी सहयोग होता है। भागवत कथा संपन्न होने के बाद यहां समस्त ग्रामीणों द्वारा ब्राह्मण भोज करा कर प्रसाद वितरण का कार्यक्रम होता है। इस भागवत कथा की एक विशेष परंपरा यह भी है कि समस्त ग्रामीणों द्वारा सरयू व राम की नगरी अयोध्या पैदल नंगे पैर जाकर वहां पर बाटी चोखा बनाकर सरयू मां को चढ़ा कर प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है। इसके बाद सरयू का जल लाकर के इस मंदिर में चढ़ाने की परंपरा है। जोकि पुश्तैनी परंपरा बन गई है।
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ग्रामीणों का कहना है की यह परंपरा काफी समय से ऐसे ही चली आ रही है। आज शारदीय नवरात्रि नौवें दिन कन्या पूजन के बाद यहां समस्त ग्रामीणों द्वारा सामूहिक भंडारे का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामवासी व कुछ मुख्य अतिथि भी शामिल रहे।
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Jai Mata di