Saharanpur: गजवा-ए-हिंद कर सपना देख रहे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भारत के अमन और शांति के दुश्मन बने हुए हैं। ऐसे लोग आतंकियों को संरक्षण देने से लेकर देश में विस्फोट कराने तक में अहम रोल निभाते हैं। हालांकि सोशल मीडिया के आने की वजह से इन लोगों की सोच घटना को अंजाम देने से पहले सार्वजनिक हो जा रही है। इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के देवबंद के एक मदरसे से सामने आई है। यहां के एक छात्र ने ट्विटर पर दूसरा पुलवामा हमले की धमकी दी है। आपत्तिजनक पोस्ट सामने आते ही हरकत में आई देवबंद पुलिस आरोपी छात्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

बता दें कि मदरसे के छात्र मोहम्मद ताल्हा मजहर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर लिखा है कि बहुत जल्द इंशाअल्लाह दूसरा पुलवामा भी होगा। इस पोस्ट से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आरोपी छात्र के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। मामला देश की सुरक्षा से जुड़े होने के चलते एटीएस भी आपत्तिजनक पोस्ट पर हरकत में आ गई है और आरोपी छात्र से पूछताछ कर रही है। नववर्ष से पहले इस तरह के पोस्ट सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक, हिरासत में लिया गया आरोपी छात्र मोहम्मद ताल्हा मजहर झारखंड का रहने वाला है। वह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित मदरसे में दीनी तालीम सीखने आया है।

आरोपी छात्र मोहम्मद ताल्हा मजहर की पहचान झारखंड के जमशेदपुर सरायकेला के रूप में हुई है। वह देवबंद के एक मदरसे में रहकर दीनी तालीम हासिल कर रहा है। मोहम्मद ताल्हा मजहर ने अपने ट्विटर अकाउंट से आपत्तिजनक पोस्ट करके हड़कंप मचा दिया है। उसने अपनी पोस्ट में दूसरा पुलवामा जैसा हमला करने की धमकी दी है। आरोपी छात्र मोहम्मद ताल्हा मजहर के खिलाफ जिले के थाना देवबंद की खानखाह चौकी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी से पुलिस और एटीएस पूछताछ कर रही है।

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दीनी शिक्षा के नाम पर आतंक का खेल

मोहम्मद ताल्हा मजहर की पोस्ट के बाद मदरसे की पढ़ाई पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि मदरसे की शिक्षा मतलब आतंक की पढ़ाई होती है। दीनी तालीम के नाम पर काफिरो (जो इस्लाम को न मानता हो) की हत्या करने की पढ़ाई क्या माना जाए। लोगों का कहना है कि दीनी तालीम के नाम पर मदरसों में मुस्लिम लड़कों को आतंकी शिक्षा दी जाती है। फिलहाल मोहम्मद ताल्हा मजहर की वजह से मदरसे की पढ़ाई एकबार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।

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