जयपुर: राजस्थान के नए कैबिनेट (Rajasthan Cabinet Oath) का आज शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो गया है। इसके साथ गहलोत सरकार में 30 मंत्री बनाए गए हैं। इनमें 10 पुराने चेहरे हैं और 12 नए चेहरों को शामिल किया गया है। कैबिनेट में 11 विधायकों ने कैबिनेट और 4 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ लिया। गहलोत कैबिनेट में प्रियंका गांधी का फार्मूला भी देखा गए और 3 महिलाओं को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नए मंत्रिमंडल में पायलट गुट को तरजीह देते हुए तीन मंत्रियों को कैबिनेट रैंक पदोन्नत किया गया है। इनमें हेमाराम चौधरी, मुरारी लाल मीणा, जाहिदा खान, राजेंद्र और बृजेंद्र ओला को सीएम गहलोत कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया है।

इसके अलावा महेंद्रजीत सिंह मालवीय, गोविंदराम मेघवाल, शकुंतला रावत, महेश जोशी, रामलाल जाट, विश्वेंद्र सिंह, ममता भूपेश, टीकाराम जूली को भी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है।

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इन्होंने ली मंत्री पद की शपथ

हेमाराम चौधरी: हेमाराज चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह सचिन पायलट के काफी करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा उनकी गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती है। हेमाराज चौधरी गुड़ामालानी से विधायक हैं।

ममता भूपेश: गहलोत सरकार में महिला एंव बाल विकास राज्य मंत्री रहीं ममता भूपेश को भी प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह दौसा जिले की सिकराय सीट से विधायक हैं। ममता भूपेश दलित समुदाय से आती हैं।

विश्वेंद्र सिंह: अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके विश्वेंद्र सिंह को फिर से कैबिनेट में शामिल किया गया है। वह भरतपुर की डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं। राजस्थान में आए राजनीतिक संकट के दौरान उन्हें अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था।

टीकाराम जूली: गहलोत सरकार में श्रम मंत्री रहे दलित समुदाय से आने वाले टीकाराम जूली को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह अलवर सीट से विधायक हैं।

महेंद्रजीत सिंह मालवीय: बांसवाड़ा जिले की बागीडोरा सीट से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इससे पहले भी वह सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह तीन बार विधायक रह चुके हैं तथा जनजाति इलाके का बड़ा चेहरा भी हैं।

रमेश मीणा: करौली जिले की सपोटरा सीट से तीन बार से विधायक रह चुके रमेश मीणा को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इससे पहले भी वह गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, लेकिन राजस्थान में आए सियासी संकट के दौरान उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ गया था।

महेश जोशी: जयपुर की हवामहल सीट से दो बार से विधायक महेश जोशी को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है। इससे पहले वह लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।

भजनलाल जाटव: गहलोत सरकार में गृह रक्षा मंत्री रहे भजनलाल जाटव को प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह भरतपुर की वैर सीट से विधायक हैं।

शकुंतला रावत: गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली शकुंतला रावत को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह अलवर की बानसूर सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं। शकुंतला रावत की गिनती गहलोत के सबसे भरोसेमंद के रूप में होती है।

गोविंद राम मेघवाल: दो बार के विधायक गोविंद राम मेघवाल को दलित कोटे से मंत्री बनाया गया है। वह बीकानेर की खाजूवाला सीट से विधायक हैं। मेघवाल कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

राम लाल जाट: चार बार के विधायक रामलाल जाट को गहलोत कैबिनेट में शामिल किया गया है। उन्हें स्पीकर सीपी जोशी के कोटे से मंत्री बनाया गया है। वह भीलवाड़ा की माडल सीट से विधायक हैं।

मुरारी लाल मीणा: बसपा से कांग्रेस में आने वाले मुरारी लाल मीणा को राज्य मंत्री बनाया गया है। वह तीन बार विधायक रह चुके हैं। मुरारी लाल मीणा दौसा से विधायक हैं।

जाहिदा खान: राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में कैबिनेट मंत्री रह चुके तैयब हुसैन की बेटी जाहिदा खान को गहलोत सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। उन्हें मुस्लिम कोटे से मंत्री बनाया गया है। वह भरतपुर की कामां सीट से विधायक हैं।

राजेंद्र गुढ़ा: बसपा से कांग्रेस में आए राजेंद्र गुढ़ा को गहलोत सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। वह झुंझनू की उदयपुरवादी सीट से विधायक हैं। राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस के पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

बृजेंद्र ओला: झुंझनू सीट से विधायक बृजेंद्र ओला को राज्यमंत्री के रूप में पद की शपथ दिलाई गई। उनकी गिनती सचिन पायलट के समर्थकों में होती है और शेखावाटी के जाट नेताओं में उनकी गिनती बड़े चेहरों में होती है।

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