OP Rajbhar News: राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी दोनों स्थायी नहीं होते। अवसरवाद की राजनीति में सियासी ऊंट कब किस करवट बैठेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। लंबे समय से बीजेपी पर हमलावर रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) फिर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मुंह की खाने के बाद ओपी राजभर (OP Rajbhar) बीजेपी में शामिल होने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू हो गई है, ऐसे में ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) को एनडीए (NDA) में शामिल कर बीजेपी (BjP) अपना किला मजबूत कर लिया है।

सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसी मुलाकात में उन्हें एनडीए में शामिल कर लिया गया। अमित शाह ने अपने टि्वटर हैंडल से ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर के साथ फोटो शेयर करते हुए यह जानकारी साझा की है। फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि ओपी राजभर से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ। राजभर के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।

इसे भी पढ़ें: ‘बाढ़ को सरकारी आमंत्रण भी मिलता है’

गौरतलब है कि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे महागठबंधन की चुनौती से निपटने के लिए बीजेपी अपने आप को और मजबूत करने में जुट गई है। ओपी राजभर को एक बार फिर से बीजेपी में शामिल करके पार्टी ने यूपी में विपक्षी एकता को तगड़ा झटका दिया है। फिलहाल ओपी राजभर के आने से पार्टी को कितना फायदा होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन ओपी राजभर पार्टी के नेताओं को कितना खटकेंगे, इसे उनके पूर्व में दिए गए बयानों को सुनकर समझा जा सकता है।

यूपी में कोई लड़ाई नहीं बची: राजभर

एनडीए का हिस्सा होते ही ओपी राजभर की भाषा बदल गई है। बीजेपी में आने के बाद ओपी राजभर ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि एनडीए में सोहेलदेव समाज पार्टी, बीजेपी और दूसरे सहयोगी दल मिल गए हैं, इसलिए अब उत्तर प्रदेश में कोई लड़ाई नहीं बची है। यूपी लोकसभा की सभी सीटों पर एनडीए फतह हासिल करेगी।

इसे भी पढ़ें: स्वदेश व स्वधर्म के लिए महाराणा प्रताप ने दिया सर्वोच्च बलिदान

Spread the news