लंदन। भगोड़े नीरव मोदी के मामले में भारत को बड़ी सफलता मिली है। अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला करने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश अदालत में तगड़ा झटका लगा है। ब्रिटिश अदालत ने भारत की तरफ से दी गई दलीलों को स्वीकार करते हुए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा है कि नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह दोषी साबित हो सकता है।

गौरतलब है कि नीरव मोदी दक्षिण-पश्चिम लंदन स्थित वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुआ। जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने मामले की सुनवाई करते हुए नीरव मोदी की ओर से दाखिल मानसिक स्वास्थ्य को लेकर दिए गए सबूतों को खारिज कर दिया। अदालत ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि यदि नीरव का भारत में प्रत्यर्पण होता है तो उसके साथ कोई अन्याय नहीं होगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मुंबई के ऑर्थर रोड जेल का बैरक 12 नीरव मोदी के लिए सही रहेगा। न्यायाधीश ने कहा कि नीरव मोदी को आर्थर रोड जेल में पर्याप्त इलाज और मेंटल हेल्थ केयर की सुविधा मिलेगी जिससे उसकी तरफ से आत्महत्या का कोई जोखिम भी नहीं रहेगा। न्यायाधीश ने नीरव के बचाव पक्ष के वकील के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भारत के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मामले को प्रभावित करने की कोशिश में हैं।

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ज्ञात हो कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी इस समय लंदन की एक जेल में बंद है। अदालत के इस फैसले के बाद अब इसे ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। वहीं नीरव मोदी के पास अभी भी हाई कोर्ट में अपील का अधिकर बचा है। ऐसे में उसके भारत वापसी में अभी और रोड़े आ सकते हैं। क्योंकि प्रत्यार्पण से बचने के लिए उसकी तरफ से हर संभव प्रयास किए जा चुके हैं। इस बार भी उसकी तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया है।

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