Manipur Violence: मणिपुर में बुधवार को भड़की हिंसा थम गई है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। राज्य सरकार के अनुरोध पर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली के लिए सेना ने कमान संभाल लिया है। वहीं सोशल मीडिया पर हिंसा से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं। मणिपुर हिंसा से जुड़ी फर्जी खबरों को लेकर भी भारतीय सेना अलर्ट सतर्क है। वहीं मणिपुर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए रेलवे सर्विस को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को बंद कर दिया है।

उधर सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तस्वीरों और वीडियो में कई के फर्जी होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में मणिपुर की स्थिति सामान्य होने में दिक्कत आ रही है। हालांकि फर्जी अफवाहों को लेकर इंडियन आर्मी सतर्क है, वह सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही भारतीय सेना ने लोगों से अपील की है कि वह केवल उन्हीं जानकारी पर भरोसा करें जो आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी जा रही हैं। भारतीय सेना के मुताबिक मणिपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। असम राइफल्स पोस्ट पर हमले का वीडियो भी इनमें शामिल है।

सूट एंड साइट के ऑर्डर

मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हिंसा भड़काने वालों को शूट एंड साइट के ऑर्डर दिए है। चुराचांदपुर जिले के तोरबंग में बुधवार से भड़की हिंसा में भीड़ ने कई घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों को आग के हवाले कर दिया। इंफाल में एक विधायक पर भी हमला किया गया था। जानकारी के अनुसार यह हमला फिरजावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक वाल्टे पर हुआ है। वह इंफाल में अपने सरकारी आवास की तरफ जा रहे थे, तभी उपद्रवियों ने उन पर हमला बोल दिया। राज्य में लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए जवानों को अलर्ट कर दिया गया है।

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गौरतलब है कि गुरुवार को मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा को देखते हुए राज्य सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं। तमाम अपील के बाद राज्य में हिंसा थमता न देख राज्य सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है। राज्यपाल की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आने पर उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने की कार्रवाई की जा सकती है। मणिपुर के राज्यपाल ने सभी जिलाधिकारियों, उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों को यह आदेश जारी किया है।

राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) की तरफ से हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है। बता दें कि राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। राज्य के कई जिलों में हिंसक आगजनी के साथ हमले और जवाबी हमले हो रहे हैं।

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