Madhumita Shukla Murder Case: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमिता त्रिपाठी की जेल से शुक्रवार को रिहाई हो सकती है। वहीं रिहाई मिलने से पहले मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने इसका विरोध करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। बता दें कि यूपी की कई सरकारों में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी करीब 20 साल से जेल में सजा काट रहे हैं। अच्छे आचरण के चलते अब उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया है। वहीं मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दरवाजा खटखटाया है।

जानकारी के मुताबिक निधि शुक्ला ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगाई है। निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई को चुनौती दी है और इस मामले में त्वरित सुनवाई की अपील की है। इस मामले पर आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक मधुमिता की बहन निधि शुक्ला की तरफ से राष्ट्रपति, यूपी की राज्यपाल और प्रमुख सचिव को भेजी गई चिट्ठी में दावा किया है कि अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी ने कुल सजा का सिर्फ 62 फीसदी हिस्सा ही जेल में काटा है, बाकि समय वह अस्पताल में रहने के बहाने बाहर बिताया है। निधि शुक्ला ने चिट्ठी में लिखा है कि दोषी पर 33 मुकदमे पहले से ही हैं, ऐसे में उन्हें रिहा किया जाना न्यायसंगत नहीं है।

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इसके अलावा उन्होंने बताया है कि वह अदालत में पहले ही रिट पेटिशन डाल चुकी हैं, जिसकी सुनवाई होनी है। निधि शुक्ला की तरफ से दावा किया कि एक कमेटी द्वारा रिपोर्ट में बताया गया था कि अमरमणि त्रिपाठी ने अपनी सजा का 62 फीसदी हिस्सा जेल के बाहर बिताया है। इसके चलते हाईकोर्ट ने पहले भी इन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। अमरमणि त्रिपाठी एक कुख्यात अपराधी है, मेरी बहन मधुमिता शुक्ला की हत्या इसका 34वां अपराध था।

2003 में हुई थी मुधमिता की हत्या

गौरतलब है कि यूपी की मशहूर कवियत्री मधुमिता शुक्ला की वर्ष 2003 में उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वह 24 वर्ष की थीं। इसी हत्या के आरोप में पूर्वांचल के बाहुबली नेता और पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को भी जेल हुई थी। दोनों वर्ष 2003 से ही जेल में बंद थे। कोर्ट ने वर्ष 2007 में दोनों को मधुमिता हत्याकांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मधुमिता की जब हत्या हुई थी, तब वह प्रेग्नेंट थीं। बाद में जब इसकी DNA जांच हुई तो वह अमरमणि त्रिपाठी के डीएनए से मैच हुआ। इसकी वजह से मामले ने राजनितिक रंग ले लिया।

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