Lucknow: विद्वुत विभाग की तरफ से बिजली चोरी रोकने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं, बावजूद इसके विद्युत चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। विद्युत चोरी के मामले में अक्सर उपभोक्तओं पर कार्रवाई होती है, जबकि सच यह है बिना विद्युत कर्मियों के मिली भगत के विद्युत चोरी हो ही नहीं सकती। बिजली चोरी कराने के विद्युत कर्मियों का अहम रोल है। ऐसे ही विद्युत चोरी और विभागीय लापरवाही के आरोप में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई की गई है। बिजली चोरी कराने के आरोप में सरोसा फतेहगंज के एसडीओ अमन तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि जिस आरोप में उपखंड अधिकारी अमन तिवारी के निलंबित किया गया है, ऐसा नजारा आपको हर विद्युत उपकेंद्र के क्षेत्रों में देखने को मिल जाएगा।

आरोप है कि एसडीओ अमन तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिजली विभाग के राजस्व को काफी नुकसान पहुंचाया है। उनपर प्रदेश सरकार की “उपभोक्ता देवों भव” की नीति को भी पलीता लगाने का आरोप। अपने क्षेत्र के 03 से 04 घरों में मानक के विपरीत 150 से 300 मीटर दूरी तक अवैध केवल खिंचवाकर विद्युत चोरी करवाने के मामले में एसडीओ पर कार्रवाई हुई है। बता दें कि विद्युत नियमावली में व्यवस्था दी गई है कि 40 मीटर के दायरे पर ही उपभोक्ता को कनेक्शन दिया जाय। एसडीओ अमन तिवारी ने इस नियम का न सिर्फ उल्लंघन किया, बल्कि विद्युत् सुरक्षा कारणों की अनदेखी कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ भी किया। इतना ही नहीं एसडीओ अमन तिवारी सोशल मीडिया पर प्रदेश सरकार की व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा किया था, जोकि कर्मचारी आचरण नियमावली के खिलाफ है।

बता दें कि विद्युत विभाग के 40 मीटर के दायरे में कनेक्शन देने की नियमावली पर गौर करें तो शहरी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में इस बारे में किसी को कोई जानकारी ही नहीं है। जिन विद्युत उपभोक्ताओं को बिल वसूली के नाम पर विद्युत विभाग कानूनी दांव-पेंच कर परेशान करता है, उन उपभोक्ताओं को कितनी बिजली मिल पाती है और उन्हें कनेक्शन पाने के लिए विभागीय लोगों को कितना कमीशन देना पड़ता है इस पर कोई ध्यान नहीं देता? लोगों को बिना कमीशन के आसानी से कनेक्शन मिल जाए, तो शायद बिजली चोरी अपने आप रुक जाए। कनेक्शन देने के नाम पर उपभोक्ताओं से लूट कोई और नहीं बल्कि बिजली विभाग के अधिकारी ही करते हैं।

इसे भी पढ़ें: बीजेपी के 11 सांसदों ने दिया इस्तीफा

कहां से आता है संविदा कर्मियों का खर्चा

मजेदार बात यह है बिजली विभाग का अधिकतर काम आज संविदा कर्मियों के भरोसे चल रहा है। सरकारी लाइन मैन का काम अवैतनिक रूप में संविदाकर्मी कर रहे हैं। जानकारों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली फाल्ट ठीक करने के नाम पर ये संविदाकर्मी उपभोक्ताओं से मोटी रकम वसूलते हैं। वहीं उपभोक्ताओं के उत्पीड़न से अनजान विद्युत विभाग का बिजली चोरी कराने से लेकर कनेक्शन देने तक में कमीशन का खेल जारी है।

इसे भी पढ़ें: पीएमएवाई के तहत मकान बनाने में यूपी ने बनाया कीर्तिमान

Spread the news