Lucknow News: बख्शी का तालाब स्थित चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Chandrabhanu Gupta Post Graduate College of Agriculture) में छात्र-छात्राओं को बदलते मौसम में कीटों की निगरानी एवं पूर्वानुमान के लिए प्रशिक्षित किया गया। महाविद्यालय के कृषि कीट विज्ञान विभाग के सहा- आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सुबह के समय ठंडक हो रही है और दिन का तापक्रम बढ़ रहा है। इस बदलते तापक्रम में बहुत सी फसलों में पत्ती चूसने वाले कीटों की संख्या बढ़ जाती है। इसकी निगरानी और पूर्वानुमान का पता लगाने के लिए महाविद्यालय के बीएससी (कृषि) के छात्र-छात्राओं को येलो स्टिकी ट्रैप फील्ड में कैसे लगाए जाएंगे, उनके द्वारा कैसे पापुलेशन की गणना होगी, इस पर छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया।

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डॉ सिंह ने बताया कि यह सबसे सस्ती और किसान उपयोगी विधि है। किसान इस विधि का उपयोग करके अपने खेतों में लगने वाले कीटों का पता लगा सकता है और समय पर प्रबंधन भी कर सकते है, जिससे किसान लाभान्वित होंगे। इस विधि में पीले कागज एवं गोंद की आवश्यकता होती है। इसे विभिन्न आकारों में काटकर नीचे दफ्ती लगाकर लकड़ी के स्टैंड पर खेतों की फसलों के आसपास लगा दिया जाता है, जिसकी दो-तीन दिन तक निगरानी करते रहते हैं। इस विधि द्वारा कीटों की गणना आसानी से की जा सकती है।

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प्रशिक्षण में कृषि महाविद्यालय की 120 से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया। कीट विज्ञान विभाग के प्रवक्ता धनेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि समय-समय पर फसलों में लगने वाले कीड़ों की पहचान एवं उन्हें प्रबंधन पर महाविद्यालय में प्रशिक्षण दिया जाता है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. गजेंद्र सिंह एवं निदेशक प्रो. योगेश कुमार शर्मा तथा प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल चौरसिया ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा इस प्रकार की ट्रेनिंग दी जा रही, जिससे छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण लेकर तकनीकी को किसानों के खेतों तक पहुंचाने का काम कर रही है। इससे कम खर्चे में किसान अपनी फसलों में लगने वाले कीटों को बचा रहे हैं।

नवनीत कुमार वर्मा की रिपोर्ट

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