लखनऊ: घटनाओं को होना दुखद होता है, पर दुखद घटनाओं पर सियासत होना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन भारतीय राजनीति में दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सियासत करना राजनीतिक चलन हो गया है। लखीमपुर खीरी में हुए दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना में इसी तरह की सियासत देखी जा रही है। घटना के अगले दिन से विपक्षी पार्टियों की तरफ से जिस तरह लखीमपुर खीरी पहुंचने की होड़ दिखाई दी वह मृतक किसानों और प्रशासन के बीच समझौता होते ही समाप्त होती दिखाई दे रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में पूरे देश में घटना के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया गया, लेकिन दो दिन बीतते ही अखिलेश यादव समेत समाजवादी पार्टी इस पूरे मुद्दे से गायब हो गए।

Lakhimpur Kheri Violence

हालांकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जो अभी भी लखीमपुर खीरी जाने पर अड़ी हुई हैं, उन्हें मंगलवार की शाम गिरफ्तार कर सीतापुर पीएसी में बने आस्थाई में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की इस लड़ाई में उनका साथ देने आज राहुल गांधी लखनऊ पहुंचने वाले हैं। जबकि राज्य सरकार की तरफ से कोरोना प्रोटोकाल के तहत राज्या में धारा 144 लगा दी गई है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि धारा 144 के चलते किसी भी नेता को लखनऊ में आने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उधर राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके प्रदेश सरकार पर एकबार फिर तीखा हमला बोला है।

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Lakhimpur Kheri Violence

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब बहुत कम वक्त का समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल इस मामले को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस किसानों की मौत को लेकर काफी आक्रामक तरीके से सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। उधर राहुल गांधी के आगमन से पहले विपक्षी पार्टियों की तरफ से लखीमपुर खीरी में की जा रही सियासत के विरोध में राजधानी लखनऊ की सड़कों पर पोस्टर लगाए गए हैं।

Lakhimpur Kheri Violence

यह पोस्टर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड़ा के विरोध में लगाए गए हैं। पोस्टर में कांग्रेस पार्टी का जबरदस्त विरोध किया गया है। इसमें कांग्रेस को किसानों की मौत पर राजनीति करने वाली पार्टी बताया गया है। सिख सोसाइटी की तरफ से ये पोस्टर लगाए गए हैं।

Lakhimpur Kheri Violence

साहिब श्री गोविंद सिंह सेवा समिति के अध्यक्ष सरदार त्रिलोचन सिंह की तरफ से लगवाए गए पोस्टर में लिखा है कि नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति। 1984 दंगों के जिम्मेदारों से लखीमपुर खीरी के किसानों को फर्जी सहानुभूति नहीं चाहिए। इसी क्रम में दसमेश सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष की तरफ से लगाए गए पोस्टर में लिखा गया है कि 1984 के सिखों के नर संहार के जिम्मेदार आज सिखों के जख्मों पर नमक न डालें। इस तरह के कई पोस्टर राजधानी लखनऊ से लेकर अन्य शहरों में लगाए गए हैं।

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