कानपुर: हर बड़ी घटना के पीछे पुलिस की लापरवाही जरूर होती है। पुलिस अगर सही सतर्कता बरते तो किसी भी बड़ी घटना को रोका जा सकता है। बीजेपी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर पर दिए गए बयान के विरोध में 3 जून को कानपुर में हिंसक (Kanpur Violence) प्रदर्शन हुआ था। हिंसा के बाद से उपद्रवियों पर लगातार कार्रवाई जारी है। कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) का मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी (Zafar Hayat Hashmi) को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं उपद्रवियों से निपटने के बाद अब लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। इसी के तहत कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने तीन थानेदारों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।

अब तक 59 उपद्रवियों की हुई गिरफ्तारी

जानकारी के मुताबिक कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) के क्षेत्र में आने वाले बेगमगंज के थानेदार नवाब अहमद और बजरिया के थानेदार संतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि, चमनगंज के इंस्पेक्टर जैनेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। ज्ञात हो कि हिंसाग्रस्त क्षेत्र चमनगंज में ही मुख्य आरोपी जफर हयात (Zafar Hayat Hashmi) का घर है। यहीं से हिंसा की प्रष्ठभूमि तैयार की गई थी। पुलिस के अनुसार कानपुर हिंसा में अब तक 59 उपद्रवियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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अजीम के नाम में शुक्ला, हाथ में कलावा मिला

कानपुर पुलिस ने हिंसा मामले में 26 जून को बेकनगंज के रहने वाले अजीम उर्फ शुक्ला को गिरफ्तार किया था। अजीम पर आरोप है कि उसने ही सफेद रुमाल दिखाकर भीड़ को चन्द्रेश्वर हाते की तरफ इकट्ठा किया था। अजीम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस भी हैरान रह गई थी। क्योंकि उसकी कलाई में कलावा भी बंधा था, जिसे लेकर उससे गहन पूछताछ भी की गई।

कानपुर हिंसा के आरोपी अजीम से जब शुक्ला उपनाम लगाने के बारे में पुलिस से ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह एक वकील के यहां मुंशी है और वकील का उपनाम शुक्ला है। लिहाजा उसने भी अपना उपनाम भी शुक्ला रख लिया। कलावा क्यों बांध रखा है, इसका जवाब उसने नहीं दिया। पुलिस को जांच में पता चला है कि वह लोगों को गुमराह करने के लिए कलावा पहनता था। बता दें कि 3 जून को हुई हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो और फोटो में अजीम सफेद रुमाल दिखाकर भीड़ को चन्द्रेश्वर हाते की तरफ बुलाते देखा गया।

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