Kanpur News: कानून का पालन कराने वाली पुलिस इसका कितना दुरुपयोग करती है, इसे बिकरू गांव कांड (Bikeru Kand) से समझा जा सकता है। कड़वा सच यह भी है कि यह पूरी घटना पुलिसवालों की वजह से हुई थी। जो पुलिस वाले विकास दुबे (Vikas Dubey) को मारने गए थे, उन्हीं में से कुछ लोग उसे पहले ही इसकी सूचना दे चुके थे। विकास दुबे ने जो कुछ किया वह अपराध था, लेकिन यूपी पुलिस ने नियम कानून ताख पर रखकर जो किया उसे भी सबने देखा। पुलिस ने एक दिन की विवाहिता खुशी दुबे (Khushi Dubey) को बिकरू कांड (Bikeru Kand) की साजिशकर्ता बनाकर न सिर्फ प्रताड़ित किया बल्कि जेल भेज दिया। घटना में शामिल अमर दुबे की पत्नी होने का खामियाजा खुशी दुबे (Khushi Dubey) को 30 महीने जेल में रहकर भुगतना पड़ा। जमानत मिलने के बाद खुशी दुबे (Khushi Dubey) अपने घर यानि मायके पहुंच गई है, लेकिन पुलिस की नजर अभी भी उस पर बनी हुई है।

गौतलब है कि बिकरू गांव कांड (Bikeru Kand) में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया है। वहीं साजिश में शामिल पुलिसकर्मी जेल में हैं। करीब 30 महीने जेल में काटने के बाद बाहर आई खुशी दुबे की निगरानी के लिए पुलिस ने उसके घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। ज्ञात हो यह वही पुलिस है जो बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) को, जो पैर में राड पड़े होने की वजह से दौड़ नहीं सकता था, असलहा छीनकर भागने के आरोप में एनकाउंटर कर दिया था। खुशी दुबे के मामले में कानपुर पुलिस अब वही बहादुरी दिखाते हुए उसके घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाकर निगरानी शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक पनकी स्थित खुशी दुबे के घर के पास पुलिस ने चार सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिससे उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। हालांकि पुलिस का तर्क है कि ऐसा खुशी दुबे की सुरक्षा के लिए किया गया है। बता दें कि शनिवार को खुशी दुबे करीब ढाई साल बाद जेल से बाहर आई हैं। पुलिस ने देर रात ही खुशी दुबे के घर आने जाने वाले रास्तों पर चार सीसीटीवी कैमरे लगा दिए। इनमें दो कैमरे मुख्य मार्ग के चौराहे पर लगे हैं, जबकि एक कैमरा खुशी दुबे के घर से सामने बिजली के पोल पर और दूसरा एक मकान के दूसरे छोर पर लगाया गया है।

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खुशी दुबे (Khushi Dubey) की इन शर्तों पर हुई है रिहाई

गौरतलब है कि बिकरू कांड की सह आरोपी खुशी दुबे को कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। इसमें उसे प्रत्येक सप्ताह के प्रथम दिन चौबेपुर थानाध्यक्ष के सामने हाजिरी लगानी होगी। इस दौरान वह न तो किसी अपराधी के संपर्क में आएंगी और न ही अपराध में लिप्त होंगी। प्रत्येक तारीख पर न्यायालय में हाजिर होना होगा। वह जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगी। इसके अलावा अभियोजन साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगी।

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